शिखा पाण्डेय,
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार (यूआईडीएआई) ने आम लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी सूचनाओं के दुपयोग रोकने के लिए एक अहम् कदम उठाया है। अब आम लोगों के आधार कार्ड की जानकारी रखने वाली एजेंसियों को 12 अंक वाले आधार अंक की गोपनीयता व सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। साथ ही एजेंसियों को इस जानकारी को सार्वजनिक करने या प्रकाशित करने की अनुमति नहीं होगी।
हाल ही में जारी निमयों के तहत उक्त एजेंसियों को अब कार्डधारक को यह बताना होगा कि जानकारी का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा।
यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने पीटीआई भाषा से कहा, “नागरिकों द्वारा दी गई जानकारी भी अब सुरक्षित व संरक्षित है। अब यह यूआईडीएआई व विभिन्न उद्देश्यों के लिए आधार संख्या का इस्तेमाल करने वाली एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वे इस डेटा की सुरक्षा व गोपनीयता सुनिश्चित करें।”
उन्होंने कहा कि ‘आधार कानून’ का किसी भी तरह का उल्लंघन करना अपराध है और कानून के तहत दंडनीय है। इसके अनुसार कानून के तहत भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जुटाई गई बायोमेट्रिक सूचना को ‘किसी भी कारण से किसी अन्य के साथ साझा नहीं किया जाएगा।
नए नियमों के अनुसार,‘ अगर कोई व्यक्ति या इकाई किसी से उसके आधार कार्ड की जानकारी लेती है तो उसे तय उद्देश्य के लिए आधार संख्या व अन्य जानकारी अपने पास रखने तथा इसका इस्तेमाल करने के लिए कार्डधारक की सहमति लेनी होगी। ये एजेंसियां या लोग तय उद्देश्य के अलावा कहीं उस आधार कार्ड या जानकारी का इस्तेमाल नहीं कर संकेगे।