AnandDwivedi@Navpravah.com
अगले सप्ताह पांच विधान सभाओं के चुनाव शुरू होने वाले हैं जिसके लिए तरह तरह के लोक लुभावन वायदों सब्ज़ बागों से लबरेज़ अलग अलग राजनीतिक दलों के नेतागण मंच से भाषण दे रहे हैं. अभी पार्टियाँ एड़ी चोटी का जोर लगाकर चुनाव प्रचारों में मशगूल हैं. इन्हीं पांच राज्यों में से दो ऐसे प्रमुख राज्य पश्चिम बंगाल और असम भी हैं जिनमे प्रधानमंत्री प्रचार में कमरकस हिस्सा ले रहे हैं.
अलग अलग सर्वेक्षण एजेंसियां और मीडिया ग्रुप आगामी चुनावी लहरों की कयास भी लगा रहे हैं. सभी अपने सर्वे के मुताबिक़ किस राज्य में किस पार्टी की लहर होगी इसकी भविष्यवाणियाँ भी कर रहे हैं. ऐसे ही एक सर्वेक्षण से सामने आया है कि एक ओर जहाँ असम की गोगोई सरकार को पीछे छोड़ते हुए बीजेपी अपना खाता खोल सकती है तो दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार एक बार फिर सरकार बना सकती है. २०११ के असम विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने 78 सीटें हथियाई थीं लेकिन बीजेपी को केवल 6 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. BPF को 12 , AUDF को 18 और अन्य पार्टियों को 3 सीटें ही हासिल हुई थीं.
सर्वेक्षण ने इस बार पलटी मारते हुए कांग्रेस की झोली में केवल 36 सीटें, बीजेपी,AJP, BPF को जोड़कर 78 सीटे मिलने का दावा किया है. AUDF को सर्वे अनुसार 11 सीटें और अन्य पार्टियों को भी 11 सीटें मिल सकती हैं.
एक्सपर्ट्स की मानें तो गोगोई सरकार के कामों और बंगलादेशी शरणार्थियों का मुद्दा इस चुनाव में बाजी पलट सकता है. लगभग 40% लोग गोगोई के कामों से संतुष्ट पाए गए तो 33% ने इसे औसत श्रेणी में रखा. 26% लोग इनके कामों से नाखुश मिले. असम के लिए UPA और NDA दोनों में से किसने बेहतर काम किये ये देखे जाने पर बहोत करीबी मामला दिखाई पड़ता है. 52% लोग बंगलादेशी शरणार्थियों के मुद्दे को चुनावी पलटवार की वजह भी मानते हैं. असम में 39 % लोगों ने गोगोई सरकार को अपनी पहली पसंद माना ,वहीँ सोनोवाल के समर्थन में 29% लोग ही नजर आये.
बात पश्चिम बंगाल की करें तो ममता बनर्जी सरकार के दोबारा बनने के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं. 2011 के चुनावों में TMC ने 294 सीटों में से 184 पर अपनी जीत दर्ज की थी. इसी सर्वे के अनुसार इस बार भी पार्टी लगभग 178 सीटों पर कब्ज़ा बनाने में सफल रहेगी. लेफ्ट और कांग्रेस की खिचड़ी को 110 सीटें मिलने की उम्मीद है. केन्द्रासीन बीजेपी को 1 सीट से ही संतोष करना पड़ सकता है. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार से 58% लोग संतुष्ट नजर आये तो 37 % लोगों के हिसाब से ममता ने कुछ ख़ास काम नहीं किये. लोगों का मानना यह भी है कि शारदा चिटफंड घपले और रोज़ वैली काण्ड से ममता बनर्जी सरकार की छवि पर बुरा असर पड़ा है.
सीएम की कुर्सी पर 62% लोग ममता बनर्जी , 12 % लोग बुद्धदेब भट्टाचार्य तो 3% लोग रूपा गांगुली को देखना चाहते हैं. जब लोगों से पूछा गया कि क्या वो राहुल गांधी और बुद्धदेब भट्टाचार्य को एकसाथ रैली करते देखना चाहते हैं तो 43 % लोगों ने असमंजस व 38% लोगों ने स्वीकृति की स्थिति दर्ज कराई. 19% लोगों को ये सम्मेलन नागवार गुजरा.
एक निजी टीवी चैनल और सर्वेयर एजेंसी के द्वारा किया गया यह सर्वे 8 से 20 मार्च में पश्चिम बंगाल और 9 से 17 मार्च में असम में करवाया गया जिसमे पश्चिम बंगाल की 294 सीटों में से 118 पर ये सर्वे किया गया तथा असम की 126 में से 50 विधानसभा सीटों पर सर्वे किया गया. पश्चिम बंगाल में जहाँ 14450 तो असम में 6027 वोटर्स से आम राय ली गई है.