ब्यूरो,
पहले मैरीटाइम इंडिया समिट 2016 का उदघाटन प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया, जिसकी शुरुआत से पहले पीएम ने डॉ भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर हार चढ़ाया और नमन किया। पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात पर बेहद ख़ुशी है कि आज जल परियोजनाओं के मुद्दों पर डॉ अम्बेडकर की दूरदर्शी सोच का पालन हो रहा है।
इसी समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि भारत के मैरीटाइम सेक्टर को परिवहन का सबसे वृहद् रिसोर्स बनाया जा सकता है। ये इको फ्रेंडली भी है। पीएम मोदी ने इसके साइड इफेक्ट्स पर चिंता जताते हुए ये भी कहा कि ये बेहद ध्यान देने योग्य है कि हमारी इस प्रणाली, जीवन शैली, परिवहन सिस्टम और व्यापारिक तरीकों से समुद्र महासागरों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर भी न पड़ने पाए।
पीएम मोदी ने हर्ष जताते हुए कहा कि ये पहली बार है जब भारत में इतने बड़े स्तर पर किसी वैश्विक समिट का आयोजन किया जा रहा है।
इस उदघाटन समारोह में प्रधानमन्त्री ने डॉ अम्बेडकर को याद करते हुए कहा कि आज एक ऐसे व्यक्ति की 125वीं जयंती है, जो कि मुंबई में रहे और यहीं काम भी किया। पीएम मोदी ने डॉ अम्बेडकर को भारतवर्ष की जल व सिंचाई परियोजनाओं का शिल्पकार भी बताया। पीएम ने कहा कि डॉ अम्बेडकर ने हमेशा नवीन जल परियोजनाओं पर बल दिया ताकि देश के करोड़ों गरीब जनों तक समुचित जल पहुँचाया जा सके।
समारोह के दौरान केन्द्रीय सड़क, परिवहन,एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि शिपिंग कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लगातार कई वर्षों से घाटे से जूझ रहा है जो जल्द ही मुनाफ़ा भी कमाएगा। मंत्री ने कहा कि आने वाले दस वर्षों में भारतीय बंदरगाहों की क्षमता को दोगुना कर दिया जायेगा।