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जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की ज़मानत पर दिल्ली हाईकोर्ट आज फैसला सुनाएगी. सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपना फैसला आज तक के लिए सुरक्षित रख दिया था. ज़मानत पर फैसला दोपहर 2 बजे के बाद आने की संभावना है.
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस से ये पूछा था कि क्या उनके पास कन्हैया के ख़िलाफ़ कोई सीसीटीवी फुटेज या अन्य सबूत हैं. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि वीडियो में कन्हैया नारे लगाते हुए नहीं दिख रहे हैं, लेकिन ऐसे गवाह मौजूद हैं जिन्होंने उन्हें नारे लगाते हुए देखा है.
कन्हैया की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच प्रक्रिया को कटघरे में खड़ा कर दिया था. कोर्ट ने पूछा था जब 9 फरवरी को नारेबाजी के वक्त सादे कपडों मे पुलिस मौके पर मौजूद थी तो फिर 11 फरवरी को एक न्यूज चैनल की फुटेज के आधार पर FIR क्यों दर्ज की गई ? अदालत ने यह भी पूछा कि क्या कन्हैया ने ही 9 फरवरी के कार्यक्रम का आयोजन किया था और अगर नारे लगाने वाले लोग बाहर से आये थे तो उसके लिए कन्हैया को ज़िम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है?
इस बीच दिल्ली सरकार के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट के सामने कन्हैया को जमानत दिए जाने की पैरवी की थी. वहीं कन्हैया कुमार की ओर से दलील दी गई थी कि ना तो वो 9 फरवरी के कार्यक्रम का आयोजक था और ना ही उसने देश विरोधी नारे लगाए, वह तो वहाँ दो पक्षों के बीच झगड़े को सुलझाने के लिए गया था. नारेबाजी बाहर से आए लोगों ने की थी, जिनके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है.
कन्हैया पर देशद्रोह की धारा लगाने से जुड़े प्रश्न पर गृह मंत्रालय ने कहा है कि वो देशद्रोह से जुड़ी धाराओं की समीक्षा कर रही है. लोकसभा में सरकार से पूछा गया है कि सरकार पुलिस की ओर से देशद्रोह कानून के दुरुपयोग को लेकर क्या कर रही है और क्या वो इस कानून पर कोई साफ गाइडलाइन तैयार कर रही है? इस सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा है कि लॉ कमीशन ने 11 दिसंबर 2014 को धारा 124 A पर रिपोर्ट दी है. लॉ कमीशन ने बताया है कि कुछ बिंदुओं पर उनका ध्यान गया है और उनकी समीक्षा के लिए ग्रुप बना दिया गया है.
गौरतलब है कि 9 फरवरी को जेएनयू में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोप में पुलिस ने कन्हैया को गिरफ़्तार किया था और वो राष्ट्रदोह के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं. इसके अतिरिक्त इसी सिलसिले में गिरफ्तार किए गए छात्र नेता उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को अदालत ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है.