धर्म डेस्क। भाई-बहन के स्नेह के पर्व रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा की काली छाया नहीं रहेगी। दोपहर डेढ़ बजे से 3 बजे तक डेढ़ घंटे के राहु काल को छोड़ दें तो 15 अगस्त को पूरे दिन बहने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। गुरुवार को वेस्ट यूपी में रक्षाबंधन का पर्व भी प्रेम पूर्वक मनाया गया।
सावन मास की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पिछले कई वर्षो से रक्षाबंधन पर भद्रा का प्रभाव रह रहा था इस बार शुभ योग है कि भद्रा का असर नहीं है। राहु काल में राखी नहीं बांधना चाहिए। कुछ अत्यंत शुभ मुहूर्त निम्न प्रकार हैं।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि राखी बंधवाते समय पूर्व और उत्तर की ओर मुख करके बैठना चाहिए। बहन को अपनी अनामिका (सबसे छोटी) उंगली से भाई के मस्तक पर रोली अक्षत का टीका करना चाहिए। अक्षत में साबुत चावल लेना चाहिए। यह सौभाग्य का सूचक होता है।
रक्षाबंधन पर शुभ मुहूर्त
सुबह 6 बजे से 7।30 तक शुभ चौघड़िया
दोपहर 12 बजे से 1।29 तक लाभामृत योग
दोपहर 12।12 से 12।24 सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त
शाम 4।30 से शाम 6 बजे तक सौभाग्य योग