हेल्थ डेस्क। नारंगी डंडी वाले सफेद खूबसूरत और महकते हरसिंगार के फूलों को आपने जरूर देखा होगा। लेकिन क्या आप जानते है हरसिंगार को पारिजात, रातरानी, गुलजाफरी, शैफालिका, शेफाली तथा नाइट जैसमीन नाम से भी जाना जाता है, जो पूरे भारत में पैदा होता है।
यहां तक कि इसके पौधे आपके घर के आस-पास भी देखने को मिल जाएंगे इसकी खास बात यह है की ये सिर्फ रात में खिलता है और सुबह होते ही मुरझा जाता है। इसकी एक खासियत यह भी है कि यह तनाव को कम करने में बहुत सहायक होता है।
हरसिंगार के फूलों से लेकर पत्तियां, छाल एवं बीज भी बेहद उपयोगी हैं। इसकी चाय, न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि सेहत के गुणों से भी भरपूर होती है। इस चाय को आप अलग-अलग तरीकों से बना सकते हैं और सेहत व सौंदर्य के कई फायदे पा सकते हैं।
कहते है की बुजुर्गो के लिए इस पौधे के विशेष लाभ है क्योंकि इसके पत्ते जोड़ों के दर्द को दूर करने में मदद करते हैं। इसके पत्तों का सबसे अच्छा उपयोग सायटिका रोग को दूर करने में किया जाता है।
इसके अतिरिक्त रोज़मर्रा के व्यस्त कामो के कारण जो लोग तनाव महसूस करते है तो इसे दूर करने के लिए भी यह पेड़ बहुत कामयाब है इसे घर में लगाने मात्र से ही आपको तनाव में कमी मिलेगी साथ ही यह आपके घर को शांतिपूर्ण वातावरण देने में भी यह सक्षम होता है। तो आइये अब जानते है की यह रोगों को दूर करने में कैसे आपकी मदद कर सकता है।
हरसिंगार के घरेलू नुस्खे जो कई रोगों को करे दूर
हरसिंगार के 250 ग्राम पत्ते साफ करके एक लीटर पानी में उबालें। जब पानी लगभग 700 मि।ली बचे तब उतारकर ठंडा करके छान लें, पत्ते फेंक दें और 1-2 रत्ती केसर की पत्तियां इस पानी में घोल दें। इस पानी को दो बड़ी बोतलों में भरकर रोज सुबह-शाम एक कप मात्रा में इसे पिएँ। ऐसी चार बोतलें पीने तक सायटिका रोग जड़ से चला जाता है।
गठिया रोग के इलाज के लिए – हरसिंगार के ताजे 4-5 पत्ती को पानी के साथ पीस ले, इसका सुबह-शाम सेवन करें, इससे रोगी को बहुत जल्दी ही स्थाई लाभ होगा। हरसिंगार के पत्ते के पावडर को एक कप पानी में उबालकर और इसे ठंडा करके पीने से अर्थराइटिस के दर्द में राहत मिलती है। हरसिंगार का उपयोग रोजाना करने से यह समस्या पूरी तरह दूर हो जाती है।
सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या से बचने के लिए आप हरसिंगार का प्रयेाग कर सकते हैं। इसके फूल, पत्ते और छाल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है।
हरसिंगार के पत्तियों को चबाया जाये तो कफ की समस्या जड़ से दूर हो सकती है|
हरसिंगार की पत्तियां प्रतिदिन चबाने से पेट का दर्द दूर होता है और गैस से जुड़ी परेशानी भी आसानी से दूर हो जाती है।
हरसिंगार की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें और प्रभावित स्थान पर लगाने से दाद की समस्या दूर हो जाती है।
शरीर के किसी भी अंग यदि दर्द हो तो हरसिंगार के तेल को मालिश करने में प्रयोग करें आजकल बाजार में इसका एसेंशियल ऑयलआसानी से मिल जाता है।
हरसिंगार खून में प्लेटलेट को बढ़ाने में बहुत फायदेमंद होता है इसलिए चिकनगुनियाऔर डेंगू जैसे बुखारो में इसके पत्तो का काढ़ा जरुर पीना चाहिए।
शरीर की बाहरी सूजन को हम कई तरीकों से ठीक कर सकते हैं लेकिन भीतरी सूजन कई बार बहुत खतरनाक हो सकती है। हरसिंगार के फूल सूजन को दूर करने में मदद करते हैं क्योंकि इनमें एंटीएंफ्लेमेट्री गुण होते हैं। इसके लिए आपको सप्ताह में दो बार हरसिंगार के पत्तों का काढ़ा पीना चाहिए। इससे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और शरीर में होने वाला किसी भी प्रकार का संक्रमण खत्म हो जाता है।
त्वचा के सौंदर्य के लिए भी इसके कई गुण है इसके लिए आप हरसिंगार के फूलों को पीसकर पेस्ट बना लें इसे चेहरे पर लगाकर थोड़ी देर रखे उसके बाद पानी से धो ले इससे त्वचा की कई बीमारियां ठीक होती है।
पेशाब की नली में होने वाले इंफेक्शन की बीमारी में हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा पीना चाहिए बहुत जल्दी ही आराम मिलेगा। इससे किडनी का संक्रमन भी दूर होता है।
हरसिंगार के फूल को पीसकर पैर के तलवो पर उसका लेप करने से तलवो की जलन दूर हो जाती है।
महिलाओं के पीरियड की अनियमितता की समस्या में काली मिर्च के साथ इसकी नई कोंपलों को पीसकर खाना चाहिए इससे अधिक रक्तस्राव भी रुकता है।
हरसिंगार में घावों को जल्दी भरने के गुण होते है। इसके पत्तों को पीसकर उसका लेप चोट पर लगाने से घाव जल्दी भरते हैं।
पाईल्स के इलाज में हरसिंगार रामबाण औषधि मानी जाती है। इसके एक बीज का सेवन रोजाना करने से बवासीर रोग ठीक हो जाता है।
इसके पत्तो का काढ़ा बना कर पीने से रक्त साफ़ होता है।
सूखी खांसी में आराम पाने के लिए इसकी पत्तियों को पीसकर शहद के साथ सेवन करना चाहिए।