न्यूजीलैंड में अंडर19 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम और पिछले साल वर्ल्ड कप में उपविजेता बनने वाली महिला क्रिकेट टीम के साथ BCCI का भेदभाव साफ नज़र आ रहा है। मैच की फीस के नाम पर आज भी इनलोगों को नाम मात्र राशी ही दी जाती है। ऊंट के मुंह में जीरा डालनेवाली यह रकम आपको हैरान कर सकती है। हाल ही में बीसीसीआई ने टेस्ट क्रिकेट और फर्स्ट क्लास मैचों के लिए सीनियर क्रिकेटरों की फीस बढ़ाई है, लेकिन इस दौरान अंडर 19 और महिला क्रिकेटरों को एक बार फिर अनदेखा किया गया।
अंडर19 भारतीय टीम के क्रिकेटर को वन-डे मैच खेलने के लिए 2500 रुपए मैच फीस मिलती है। इस मतलब पूरे वर्ल्ड कप के लिए इन क्रिकेटरों को केवल 15 हजार की ही रकम दी जाती है। क्योंकि उन्होंने इस प्रतियोगिता में लीग मैचों से लेकर फाइनल तक केवल छह मैच खेले। हालांकि भत्ते की रकम अलग होगी। वहीं नेशनल महिला क्रिकेट टीम को वन-डे मैचों के लिए महज 3300 रुपए दिए जाते हैं। पता हो कि महिलाओं की टीम को दो ग्रेड कैटगरी में जगह दी जाती है। ग्रेड ए के तहत सालभर में 15 लाख रुपए की रकम और ग्रेड बी के तहत 10 लाख की रकम दी जाती है। माना जा रहा था कि ये रकम बढ़ेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
बता दे कि अंडर19 और अंडर 23 क्रिकेटरों को किसी कांट्रैक्ट या ग्रेड के तहत नहीं लाया जाता और उन्हें मिलने वाली रकम भी बहुत कम होती है। जबकि उन्हें इस स्तर तक पहुंचने के लिए न केवल बहुत संघर्ष करना पड़ता है, बल्कि कई समझौते भी करने पड़ते हैं, साथ ही अपना पैसा भी लगाना पड़ता है। बीसीसीआई से जुड़े राष्ट्रीय अंपायर बताते हैं कि जब राष्ट्रीय महिला टीम और अंडर 19 टीम विदेशों के दौरे पर होती हैं, तो उन्हें मैच फीस के अलावा भत्ते भी दिए जाते हैं, जो उनकी फीस से थोड़ा ज्यादा होता है।
पिछले साल जब भारतीय महिला टीम वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची, तो बीसीसीआई ने पूरी टीम के हर खिलाड़ी को 30 लाख रुपए देने की घोषणा की। इस युवा टीम को भी वर्ल्ड कप जीतने पर उतनी ही रकम बीसीसीआई ने दी। इस लिहाज से देखें, तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल दोनों टीमों को एक ही पायदान पर रखता है, लेकिन टीम इंडिया की बात करें, तो उसके खिलाड़ियों को मिलने वाली रकम की इससे कोई तुलना ही नहीं। हालांकि, जिस तरह से बीसीसीआई ने टीम को अपनी ओर से इनामी रकम दी, उसे लेकर कोच राहुल द्रविड़ मायूस हैं।
टीम इंडिया के हर क्रिकेटर के साथ बीसीसीआई तीन तरह की कैटेगरीज में करार करता है- ए, बी और सी। ग्रेड ए के क्रिकेटरों के साथ दो करोड़ रुपए सालाना का अनुबंध होता है। जबकि, बी और सी के साथ एक करोड़ और 50 लाख रुपए सालाना का करार होता है। इसके करार के साथ हर टेस्ट मैच खेलने पर एक क्रिकेटर को 15 लाख रुपए की रकम मिलती है, तो एक दिवसीय और टी20 मैच खेलने पर छह लाख रुपए।
अब जरा महिला क्रिकेट और अंडर 19 क्रिकेट की ओर भी देख लें। दोनो को चार दिन के मैच खेलने पर प्रति मैच करीब दस हजार रुपए मिलते हैं। इससे ज्यादा रकम तो रणजी ट्राफी में खेलने पर मिल जाती है, जो प्रति मैच 40 रुपए है।