एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
पीएनबी घैटाले के बाद सरकारी बैंकों की इमेज खराब हो गयी है। और अब ग्रोथ की रफ्तार को भी झटका लगने की आशंका है। दिग्गज एफआईआई ब्रोकिंग फर्म गोल्डमैन सैक्स ने अगले साल के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटा दिया है।
गोल्डमैन सैक्स ने वित्त वर्ष 2019 के लिए भारत का जीडीपी ग्रोथ अनुमान 8 फीसदी से घटाकर 7.6 फीसदी किया है।वहीं, गोल्डमैन सैक्स के अनुसार। वित्त वर्ष 2019 में रिटेल महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान है।
गोल्डमैन सैक्स ने कहा, राजकोषीय घाटे का लक्ष्य उम्मीद के अनुरूप है। लेकिन जबतक आर्थिक कारोबार का तेजी से पंजीकरण नहीं होता, 2018-19 में इसके अनुमान से थोड़ा अधिक रहने की आशंका है।
गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक, पिछले साल जुलाई से लागू जीएसटी के संदर्भ में राजस्व वृद्धि भी उत्साहजनक है। उसने एक रिपोर्ट में कहा। राजस्व में जरूरी वृद्धि के लिए जबतक आर्थिक गतिविधियों का आने वाले वर्ष में तेजी से पंजीकरण नहीं होता है। हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटे के बजट अनुमान से 0.2 प्रतिशत ऊपर जाने का जोखिम है।
कृषि, निर्माण और विनिर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन हुआ था। जिसके कारण अक्टूबर से दिसंबर की तीसरी तिमाही के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 7.2 प्रतिशत हो गई जो कि पिछली पांच तिमाहियों में सर्वाधिक रही।
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर जहां कुछ दिन पहले ही भारत के लिए अच्छी थी कि महंगाई घट गई थी। वहीं महंगाई दर फरवरी में घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई, केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के आंकड़े के अनुसार खाने-पीने की चीजें तथा ईंधन की लागत में कमी से खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर चार महीने के न्यूनतम स्तर 4.44 प्रतिशत पर पहुंच गई है। लेकिन गोल्डमैन सैक्स ने अगले वित्त वर्ष में इसके बढ़ने की आशंका जताई है।