मुंबई. मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने हाई प्रोफाइल शीना बोरा मर्डर केस को लेकर कई नए खुलासे किए हैं. दरअसल इस मर्डर केस की जांच मारिया ही कर रहे थे, उसी दौरान उनका ट्रांसफर कर दिया गया. तब से ही वह मामले के बारे में कोई बात करने को तैयार नहीं थे. ट्रांसफर का मुख्य कारण था उन पर लगे आरोप. उन पर आरोप था कि उन्होंने पीटर मुखर्जी को बचाने की कोशिश की है. पीटर मुखर्जी पर आरोप है कि उन्होंने इंद्राणी मुखर्जी और इंद्राणी के पहले पति संजीव खन्ना के साथ मिलकर शीना बोरा हत्याकांड की साजिश रची.24 साल की शीना इंद्राणी की बेटी थी, जिसकी 24 अप्रैल 2012 को हत्या कर दी गई. पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने चुप्पी तोड़ते हुए अपनी किताब में केस के बारे में काफी विस्तार से जिक्र किया. राकेश मारिया इस मामले में काफी सक्रिय थे. जस्टिस नितिन सांबरे ने पीटर मुखर्जी की जमानत दो लाख रुपये की गारंटी पर मंजूर की. बॉम्बे हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान कहा, ‘केस में जांच के दौरान ऐसे कोई सबूत नहीं मिले, जिससे साबित हो सके कि पीटर मुखर्जी इस अपराध में शामिल थे.’ शीना बोरा हत्याकांड में पीटर मुखर्जी को 19 नवंबर 2015 को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी मुख्य आरोपी हैं.
किताब में किए कई खुलासे
राकेश मारिया ने अपनी किताब ‘लेट मी से इट नाउ’ में कहा कि 2015 में शीना बोरा की हत्या की जांच की शुरुआत में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था) देवेन भारती ने यह खुलासा नहीं किया था कि वह मीडिया बैरन पीटर को जानता था. उन्होंने मुझे अंधेरे में रखा. किताब में मारिया ने इस घटना के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने पीटर से सवाल किया कि जब 2012 में शीना के अचानक गायब होने के बारे में पता चला तो उन्होंने कुछ क्यों नहीं किया, तब उन्होंने कहा, ‘सर, मैंने देवेन को बताया था.’ अपनी किताब में शीना बोरा हत्या मामले में पीटर मुखर्जी को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री को गुमराह करने की बात को राकेश मारिया ने खारिज किया है. मारिया ने लिखा, ‘उनके और सीएम देवेंद्र फडणवीस के बीच कुछ गलतफहमी हो गई होगी. उन्हें शक था कि किसी ने उनकी तरफ से सीएम फडणवीस को गलत जानकारी दी थी.
कुछ मीडिया रिपोर्ट में फडणवीस के हवाले से कहा गया था कि उन्हें बताया गया कि पीटर मुखर्जी शीना की हत्या में शामिल नहीं थे.’ उन्होंने कहा जब केस के आखिरी पड़ाव में मुझे प्रमोट करने की बात कह कर ट्रांसफर कर दिया गया. मारिया ने अपनी किताब में बताया कि उन्होंने फडणवीस से इस मामले के बारे में सिर्फ एक बार ही बात की थी और उस समय उन्हें बताया गया था जिस समय यह घटना हुई थी, तब पीटर देश से बाहर थे. मारिया का कहना है कि उन्होंने फडणवीस से मेसेज पर अपने बयानों के बारे में बात की थी और उन्हें आश्वस्त किया गया था कि एक स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया था. इस मामले की जांच सीबीआई कर रही थी.