मौजूदा समय में देश कई विवादों से गुजर रहा है। जनता और सरकार के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद अब बड़ा रूप ले चुका है। मौजूदा समय मे दिल्ली में चल रही सीलिंग को लेकर विवाद के बढ़ने के आसार हैं, क्योंकि आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने दिल्ली सीलिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि पूरी दिल्ली में अवैध निर्माण हो रहा है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगम से कहा कि आप लोग दिल्ली में तबाही का इंतजार कर रहे हैं।
बहरहाल, 31 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीडीए और अन्य पार्टियों से दिल्ली का मास्टर प्लान लाने के निर्देश दिए थे। अदालत ने कहा कि अगर एक बार यह मान लिया जाए कि मॉनिटरिंग कमेटी को भंग कर दें, तो क्या निगम ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं कर सकता? अदालत छतरपुर रोड स्थित मारबल की दुकानों की याचिका पर सुनवाई कर रही है।
गौरतलब है कि मास्टर प्लान पर चर्चा के दौरान पिछले दिनों दिल्ली सरकार और बीजेपी के बीच जमकर तकरार हुई थी और इस हंगामें के बाद दिल्ली के मास्टर प्लान में बदलाव को लेकर केंद्र ने सहमति जताई और केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय के आला अधिकारियों की मीटिंग हुई। जिसमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी व दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, निगम आयुक्त के सचिव डीएस मिश्रा व एनडीएमसी के प्रमुख नरेश कुमार व डीडीए के उपाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने हिस्सा लिया था। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकार जल्द ही इस पूरी समस्या को खत्म करने के लिए जल्द ही अहम कदम उठाएगी।
डीडीए की बैठक में अहम फैसले
राजधानी में सीलिंग को लेकर हुई डीडीए की बैठक में तीन प्रस्ताव पास किए गए। इस बैठक में पास किए गए प्रस्तावों पर जनता की भी राय ली जाएगी। इस मीटिंग में दुकान और घर के FAR को बढ़ाकर 350 किया गया। FAR बढ़ने से बेसमेंट भी सीलिंग के दायरे से बाहर होंगे। 12 मीटर की सड़कों पर बने गोदाम रेगुलराइज किए जाएंगे। फ्लोर एरिया रेशो को 180 से बढ़ाकर 350 किया गया। अलग-अलग कैटगरी के लिए अलग-अलग कनवर्जन चार्ज होगा। कनवर्जन चार्ज पर पैनल्टी 10 गुना से घटाकर 2 की गई।
फिलहाल देश की राजधानी में हो रही सीलिंग के खिलाफ व्यापारियों ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली बंद का ऐलान किया था। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दो दिन दिल्ली बंद का अह्वान किया था। वहीं चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज (CTI) ने तीन दिन के बंद की घोषणा की थी। इस बंद के चलते 8 लाख दुकानों और 1.5 लाख फैक्ट्रियों के पूरी तरह बंद रहीं। अब देखना होगा कि आप सरकार इस मूद्दे पर क्या रुख अख्तियार करती है।