रूठी पत्नी को भरी सभा में गाना गाकर मनाया इस जिंदादिल इंसान ने

आनंद रूप द्विवेदी | Navpravah.com

 

‘हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते…’ गुलज़ार साहब की इस पंक्ति में हज़ारों भावनाओं का समावेश है. भावनाएं, जिनकी आड़ में पनपती है, ज़िन्दगी की इबारत और निहित है, सम्पूर्ण विश्व की संरचना का सार.

छोटी बातों पर रिश्ते तोड़ लेने की बात बेहद आम हो चुकी है. खाने में नमक ज्यादा हुआ तो पति पत्नी आपस में दो शत्रु राज्यों के राजाओं सा व्यवहार करने लगते हैं. तूतूमैंमैं तो हर घर की बात है लेकिन क्या इस तूतूमैंमैं के कारण दो जीवनों का गठबंधन तोड़ दिया जाना चाहिए? हरगिज़ नहीं. विवाह एक संस्था है. ये मात्र दो शरीरों का या दो दिलों का मिलन नहीं वरन दो समुदायों, परिवारों का गठबंधन होता है.

पारिवारिक मसलों की अदालतों में अक्सर ये सवाल उठता है कि यदि वैवाहिक संस्था इतनी ही जटिल थी तो इस संस्था की नींव रखने का फैसला किया ही क्यों हुआ. स्वयं पारिवारिक विधि और विधिवेत्ताओं, न्यायाधीशों का सबसे पहला और सशक्त प्रयास शादी न टूटने देने का होता है.

ऐसा ही एक मामला झांसी के परिवार परामर्श केंद्र में सामने आया है, जहां एक पति अपनी रूठी हुई पत्नी को गाना गाकर मनाता दिख रहा है. एक वीडियो के रूप में इसे शेयर किया जा रहा है. वीडियो में पति बदलापुर फिल्म का ‘न सीखा मैंने जीना’ गीत गाकर पत्नी को मनाता है. वो भी भरे परामर्श केंद्र में. पति की इस बेबाक छवि के आगे पिघलती हुई पत्नी रिश्ते पर पड़ी भूल की धूल को झाड़ते हुए पति के कंधे में अपना सर रख देती है. पति बेहद सुरीले स्वर में पूरा गीत गाता है जिसे पत्नी सप्रेम शांत भाव से विव्हल होकर सुन रही है. गीत के अंत में परामर्श केंद्र में ख़ुशी की लहर दौड़ जाती है और दोनों को मिठाई खिलाई जाती है.

वीडियो आपको गुदगुदा सकता है, हंसा सकता है. लोग इसका मज़ाक भी उड़ा सकते हैं, लोग ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन, जिंदगी की सच्चाई के किनारे से गुजरता हुआ ये वीडियो अगर आप शांत भाव से देखेंगे तो आपके दिल को भी छू जायेगा. जीवन में झगड़ों की बजाय यदि प्रेम हो तो आपके सामने आने वाली कठिन परिस्थितियाँ भी सर झुकाकर सलाम करेंगी.

देखें वीडियो:

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.