अनुज हनुमत | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क
बुन्देलखण्ड में किसान फिर से टूटने की कगार पर है। कारण है अन्ना गौवंश, जिनके कारण स्थिति फिर से खराब हो चली है। उत्तर प्रदेश का बुंदेलखण्ड इलाका, जहां कभी किसान सूखे से जूझता है तो कभी ओलावृष्टि से, लेकिन यहां के किसानों के लिये एक बढ़ी समस्या बनता जा रहा हैं गौवंश। किसानों की खेतों में लहलहाती फसलों को रात के समय हजारों की संख्या में अन्ना जानवर नुकसान पहुंचा रहें हैं। बुंदेलखण्ड ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में अन्ना जानवरों की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है।
किसान रात दिन जागकर हाड़कंपा देने वाली ठंड में भी अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिये खेतों की रखवाली कर रहें हैं। करोड़ो का बजट अन्ना गौवंश के सरंक्षण और संवर्धन हेतु खर्च किया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात ठीक नही हैं। इतनी व्यवस्थाओं के बाद भी सड़क पर गौवंश घूम रहे हैं, तो सबसे बड़ा प्रश्न ये है कि आखिर गौशाला में कौन है? इसकी जांच ज़रूरी नहीं है ?
सबसे ज्यादा असर बुन्देलखण्ड इलाके में देखने को मिल रहा है, जहां बाँदा और चित्रकूट जिले में स्थिति बहुत खराब है। इस समय हर गांव, कस्बा व शहर के लोग आवारा गोवंश से खासे परेशान हैं। हालत यह है कि ग्रामीण क्षेत्र के किसान जहां सारी रात जाग कर फसलों की निगरानी कर रहे हैं। वहीं रोड पर घूमने वाले आवारा पशु खतरे का सबब बने हुए हैं। गोवंश के कारण किसानों को रात भर जागकर खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है। इससे फसल को क्षति हो रही है और जान को भी खतरा बना रहता है। अगर नजारा देखना है तो आप शाम होते ही सड़क पर निकलिए और देखिये कैसे लाचार खड़े मिलेंगे। आपको गौ वंश बहुत बड़ी संख्या में फसल चट करते भी दिख ही जायेंगे।
विगत दिनों चित्रकूट जिले के कर्वी, रामनगर, पहाड़ी और मानिकपुर ब्लाक क्षेत्र से सोशल मीडिया में कई ऐसे फोटो और विडियो जारी हुए, जिसमें अनेक लोगों ने बताया कि इस समय आवारा गोवंश से फसल की सुरक्षा करना आसान काम नहीं है। रात को किसी भी तरह की दिक्कत से बेपरवाह किसान जब अपनी खेत की रखवाली कर रहे होते हैं, तो आवारा जानवर झुंड के रूप में टूट पड़ते हैं और पलक झपकते ही फसल को चट कर जाते हैं। जब इस सम्बंध में किसानों द्वारा सम्बंधित ग्राम प्रधान या सचिव से बात की जाती है, तो अब अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं ।
किसानों ने कहा कि बुंदेलखण्ड का किसान हमेशा से ठगा जाता रहा है। कभी कर्ज माफी के नाम पर तो कभी सूखा राहत के नाम पर। छोटा किसान हमेशा गेहूं में घुन की तरहा पीसा गया है और आज अन्ना जानवर की विकराल समस्या का सामना कर रहा है। यही वजह रही है कि बुंदेलखण्ड का किसान कभी आत्महत्या को मजबूर होता है तो कभी पलायन को। प्रधान और सचिवों द्वारा गौवंशो के रखरखाव में जमकर लूट की जा रही है। अब देखना होगा कि इस लूट को योगी सरकार कैसे रोक पायेगी।
“डीएम और कमिश्नर से बार बार आग्रह के बावजूद अगर समस्याएं सामने आ रही हैं तो ये गम्भीर विषय है और मैं पुनः इस सम्बंध में उच्चाधिकारियो से बात करूंगा। हमारी सरकार का प्रमुख एजेंडा है कि गौवंशो का पूर्णतया सरंक्षण और संवर्धन हो” –भोले सिंह,सदस्य ,गौ सेवा आयोग उप्र सरकार
“चित्रकूट में पांच बृहद गौशालाएं स्वीकृत हैं जिसमें दो संचालित हैं ।गौवंश के सरंक्षण और संवर्धन हेतु संचालित गौशालाओ में व्यवस्थाएं ठीक नही है । स्थानीय स्तर पर प्रधान और सचिवों द्वारा लापरवाही की जा रही है इसलिए दावों को हकीकत में बदलना होगा। हमे मिलने वाली सूचना के अनुसार जिले में रोजाना आधा सैकड़ा गौ वंश किसी न किसी कारण मर जाते हैं यहां जन्मदर से मृत्युदर ज्यादा है। हमारा संगठन लगातार कोशिश कर रहा है कि स्थिति सुधरे क्योंकी धरातल में कुछ ठीक नही” – राजीव लोचन तिवारी ,जिलाध्यक्ष ,राष्ट्रीय गौरक्षा दल