नृपेंद्र कुमार मौर्य। navpravah.com
नई दिल्ली। पृथ्वी को एक अस्थायी मिनी-मून मिलने वाला है, और यह घटना वास्तव में बहुत रोमांचक है! इस मिनी-मून का असली नाम 2024 PT5 है, और यह एक छोटा सा एस्टेरॉयड है जिसे 7 अगस्त 2024 को नासा के एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (ATLAS) द्वारा खोजा गया था। इस एस्टेरॉयड का व्यास केवल 10 मीटर (33 फीट) है, जो कि काफी छोटा है, लेकिन इसका पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने का यह समय हमारे लिए बहुत दिलचस्प है।
2024 PT5 29 सितंबर से 25 नवंबर 2024 तक पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में रहेगा और हमारे ग्रह के चारों ओर एक खास कक्षा (orbit) बनाएगा। इस अवधि के दौरान, यह एस्टेरॉयड पूरी तरह से पृथ्वी का एक चक्कर नहीं लगा सकेगा। इसके बजाय, यह एक ‘घोड़े की नाल’ के आकार में पृथ्वी के चारों ओर घूमेगा, फिर धीरे-धीरे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर चला जाएगा। इस घटना को देखने से वैज्ञानिकों को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल की बेहतर समझ प्राप्त होगी, जो हमारे ग्रह के गुरुत्वाकर्षण और इसके प्रभावों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।
इस तरह के अस्थायी मिनी-मून की घटनाएं काफी दुर्लभ होती हैं। आमतौर पर, एस्टेरॉयड या तो पृथ्वी की कक्षा में आने से चूक जाते हैं या पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही जल जाते हैं। हालांकि, 2006 और 2022 में भी ऐसी घटनाएं हुई थीं, जब एस्टेरॉयड ने पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाया था। लेकिन 2024 PT5 की विशेषता यह है कि यह एस्टेरॉयड इतनी धुंधली होगी कि इसे नग्न आंखों या साधारण टेलीस्कोप से देखना मुश्किल होगा। इसे देखने के लिए एडवांस ऑब्जर्वेटरीज की आवश्यकता होगी, जो विशेष रूप से ऐसी घटनाओं के लिए डिजाइन की गई हैं।
इस अस्थायी मिनी-मून की घटना न केवल खगोलशास्त्र के शौकिनों के लिए एक उत्सव का मौका है, बल्कि यह वैज्ञानिकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है। 2024 PT5 की कक्षा और उसके गुरुत्वाकर्षण बल के अध्ययन से हमें भविष्य में अन्य एस्टेरॉयड्स और मिनी-मून्स के साथ ऐसी घटनाओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
इस अस्थायी मिनी-मून के आगमन के साथ, हम पृथ्वी के वातावरण और गुरुत्वाकर्षण के बारे में नई जानकारी प्राप्त करने की उम्मीद कर सकते हैं, जो हमारे ग्रह के अस्तित्व और उसके आसपास के खगोलीय घटनाओं को समझने में मददगार साबित होगी।