‘पनामा पेपर्स लीक’ से परेशान ‘पैसे वाले’, बिग बी और ऐश्वर्या पर भी आरोप

आनंद द्विवेदी
पनामा पेपर्स लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. इसमें भारत की नामचीन हस्तियों समेत 500  भारतीयों द्वारा टैक्स चोरी करने का आरोप है. इन सभी लोगों पर उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के मध्य स्थित पनामा शहर में कम्पनियों में पैसा निवेश करने का आरोप है.

 

इस लिस्ट में सिने जगत के नामचीन लोगों का नाम भी शामिल है. महानायक अमिताभ बच्चन और उनकी बहू ऐश्वर्या बच्चन समेत अदानी के बड़े भाई, DLF के प्रमोटर के.पी.सिंह, वकील हरीश साल्वे, इंडिया बुल्स के समीर गहलोत समेत अन्य भारतीयों के नामों का खुलासा हुआ है. हालांकि अमिताभ और ऐश्वर्या ने इस बात का खंडन किया है.

 

दस्तावेजों में दुनियाभर के 140 नेताओं के नाम भी शामिल  हैं, जिनमें 12 वर्तमान और पूर्व राष्ट्र अध्यक्ष शामिल हैं. दस्तावेजों में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जैसे नेताओं के नाम शुमार हैं. साथ ही अर्जेंटीना के फुटबॉल प्लेयर लियोनोल मैसी भी शामिल हैं.

 

टैक्स बचाने के लिए विदेशों में कम्पनीज बनाकर पैसा छिपाया जाता  है. ये अब तक का सबसे बड़ा खुलासा है. कालेधन के मुद्दे को चुनावी जुमला बनाकर सत्ता  प्राप्त करने वाली केंद्र की सरकार ने फ़ौरन एक जांच टीम का गठन भी कर दिया है.

 

पनामा शहर की एक लॉ फर्म मोसेका फोंसेका के डेढ़ करोड़ दस्तावेजों के लीक होने पर ये खुलासा हुआ है. 100 से ज्यादा मीडिया संस्थानों के 370 पत्रकारों का एक अंतर्राष्ट्रीय खोजी पत्रकार संगठन है, जिसमे भारत का इन्डियन एक्सप्रेस अखबार भी शामिल है. ये खुलासा लगातार मेहनत के फलस्वरूप हुआ है, इसे खोजी  संगठन  के द्वारा किया गया है. जर्मनी के अखबार सिदोचे जाइतुन ने अपने एक सूत्र के जरिए मोसेक फोंसका के 1975 से लेकर 2015 तक के दस्तावेज हासिल किए. बाद में इन दस्तावेजों की जांच अंतरराष्ट्रीय खोजी पत्रकार संघ ने की.

 

दस्तावेजों के मुताबिक़ इन सभी हस्तियों ने शैडो कम्पनीज और कारपोरेशन बनाईं, ताकि अपने देशों के टैक्स की चोरी की जा सके. अमेरिका के पनामा प्रांत में कालेधन का स्वर्ग है, जहां दुनिया भर के धनाढ्य लोग अपने कालेधन को जमा करते हैं और इनकी व्यक्तिगत जानकारी को भी गोपनीय रखा जाता है. इन दस्तावेजों में खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बहामास में छिपाए गए धन की जानकारी है.

 

अकेले पनामा में ही करीब 3.50 लाख से ज्यादा गुप्त अंतरराष्ट्रीय बिजनेस कंपनियां हैं. मोसेक फोंसेका नामक इस फर्म के लगभग 35 देशों में दफ़्तर हैं. लीगल फर्म मोसेक बड़े-बडे़ लोगों से मोटी फीस लेकर उन्हें आर्थिक मुद्दों पर सलाह देती है. लेकिन उसका मुख्य काम इन लोगों का पैसा ठिकाने लगाना है. यह फर्म गुप्त और आसान टैक्स वाले दशों में ऑफशोर कंपनिया बना देती हैं. ये ऐसी कंपनियां होती हैं, जोकि संबंधित देशों के टैक्स नियमों से तो चलती हैं, लेकिन असली मालिक को छुपा देती हैं.
बच्चन पर भी लटक रही ‘तलवार’-

 

लीक्स के मुताबिक़ अमिताभ बच्चन को 1995 में ABCL स्थापित करने से दो साल पहले चार शिपिंग कंपनीज़ में बतौर डायरेक्टर नियुक्त किया गया था. जांच में पाया गया कि ये कंपनियां टैक्स हैवन में रजिस्टर्ड थीं. बच्चन इस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे, जबकि अन्य निदेशक कॉरपोरेट और फाइनेंशियल सहयोग देते थे. ऐश्वर्या, उनके पिता, मां और भाई को 14 मई 2005 को एमिक पार्टनर्स लिमिटेड का डायरेक्टर बनाया गया. इस कंपनी की शुरुआत 50 हजार डॉलर से हुई. मोस्साक फोंसेका के अनुसार पनामा की एक फर्म ने इस कंपनी को स्थापित करने में मदद की थी. उसके मुताबिक करीब तीन साल के लिए ऐश्वर्या राय इस कंपनी से जुड़ी हुई थीं. वह इस कंपनी की शेयर होल्डर थीं.

 

पूरे मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि मैं इस पर्दाफाश का स्वागत करता हूं. गैर कानूनी ढंग से विदेश में पैसा रखने वाले हर शख्स पर कार्रवाई होगी.

 

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