अनुज हनुमत,
घाटी में लगातार 28वें दिन जनजीवन अस्त व्यस्त बना हुआ है। अलगाववादियों की वजह से श्रीनगर जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। बता दें कि अलगाववादियों के प्रस्तावित मार्च को रोकने के लिए हजरतबल दरगाह तक कश्मीर के कुछ और इलाकों में आज कर्फ्यू लगा दिया गया है। कर्फ्यू के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त बना हुआ है।
पुलिस सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि गंदेरबल, बडगाम, अनंतनाग कस्बे, अवंतिपुरा, कुलगाम कस्बे, सोपोर को छोड़कर बारामूला जिले, शोपियां कस्बे, बांदीपुरा के कालूसा और हंदवाड़ा के इलाकों में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है। सूत्रों के अनुसार शेष घाटी में चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर एहतियातन रोक लगाई गई है जिससे कानून व्यवस्था ख़राब न हो।
राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील एवं अति संवेदनशील क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए हैं। पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं। यहां प्रीपेड कनेक्शनों से फोन करने की सुविधा भी बाधित कर दी गई है। अलगाववादियों ने कश्मीर में बंद लागू रहने की अवधि 12 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है। उन्होंने मांग की है कि मुख्यधारा के राजनेता अपने दलों एवं पदों से इस्तीफा दें।
गौरतलब है कि 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद प्रदर्शनकारियों एवं सुरक्षा बलों के बीच हुए संघर्षों में आम नागरिकों की मौत से अलगाववादी बौखला गए। इन सबके खिलाफ अलगाववादियों द्वारा जारी बंद और प्राधिकारियों द्वारा लागू प्रतिबंधों के कारण घाटी में लगातार 28वें दिन जनजीवन प्रभावित रहा। इसके कारण स्कूल, कॉलेज, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, पेट्रेल पंप, बैंक एवं निजी कार्यालय बंद रहे और सड़कों से सार्वजनिक वाहन नदारद रहे। सरकारी दफ्तरों में भी बहुत कम उपस्थिति दर्ज की गई।