महाराष्ट्र में जब से भाजपा ने एकनाथ शिंदे और देवेन्द्र फडणवीस की अगुवाई में अपनी सरकार बनाई है वह अलग अलग तरीकों से स्थानीय वोटरों को लुभाने में जुटी हुई हैं. इसी क्रम में अब महाराष्ट्र बीजेपी ने हिंदी भाषियों को जोड़ने के लिए प्रेम कुमार को महाराष्ट्र प्रदेश संयोजक झारखंड प्रकोष्ठ पद पर नियुक्त किया है.
प्रेम कुमार मूल रूप से झारखंड के गिरीडीह के रहने वाले हैं लेकिन उनकी पकड़ मुंबई और आसपास के जिलों में रहने वाले झारखंडी एवं हिंदी भाषी मतदाताओं पर अच्छी खासी हैं। उत्तर भारतीय मोर्चा, भाजपा महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. संजय पाण्डेय व उपाध्यक्ष कपिल राज वर्मा ने प्रेम कुमार को नियुक्ति पत्र दिया.उत्तर भारतीय मोर्चा, भाजपा महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ. संजय पाण्डेय ने नियुक्ति पत्र देकर उनसे पार्टी की विचारधारा और नीति के अनुसार पार्टी की प्रगति के लिए हर संभव प्रयास करने की प्रेरणा दी।
गौरतलब है कि मुंबई की 227 सीटों में से 50 से ज्यादा सीटें ऐसी हैं, जहां हिंदी भाषियों का वर्चस्व है। मुंबई से सटे मीरा-भायंदर, वसई-विरार-नालासोपारा, ठाणे, नवी मुंबई, उल्हासनगर को भी जोड़ दिया जाए, तो यह संख्या 100 सीटों के पार चली जाती है। इन सभी महानगरपालिकाओ में चुनाव होने हैं। यही कारण है कि बीजेपी पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। इसी कड़ी में झारखंड में अपना खासा प्रभाव रखने वाले प्रेम कुमार को उत्तर भारतीय मोर्चा, महाराष्ट्र प्रदेश संयोजक झारखंड प्रकोष्ठ पद पर नियुक्त किया गया है।
प्रेम कुमार मूल रूप से झारखंड के गिरीडीह जिले के रहने वाले हैं साथ ही झारखंड में भी काफी लोकप्रिय है
बीजेपी का ये फैसला एक तीर से दो निशाने नहीं बल्कि एक तीर से कई निशाने लगाने जैसा है.
प्रेम कुमार मूल रूप से झारखंड के गिरीडीह जिले के रहने वाले हैं लेकिन उनकी पकड़ मुंबई और आसपास के जिलों में रहने वाले झारखंडी एवं हिंदी भाषी मतदाताओं पर अच्छी खासी हैं। इसके साथ ही उनके पास जमीनी स्तर पर काम करने का गहरा राजनीतिक अनुभव है। ऐसे में इनको झारखंड प्रकोष्ठ पद की कमान मिलने से कार्यकर्ताओं में सीधा-सीधा संदेश ये भी गया है कि पार्टी में जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं और परिश्रम का सम्मान होता है, जो कार्यकर्ताओं के मनोबल और ऊर्जा को सातवें आसमान पर पहुंचाने में कारगर साबित होगा।
बीएमसी चुनाव के परिणाम में भी बदलाव के संकेत साफ नजर आ रहे हैं, हिंदी भाषी वोटरों पर अच्छी पकड़ है प्रेम कुमार की
यह भी माना जा रहा है कि बीजेपी का यह फैसला आगामी बीएमसी चुनाव पर भी अपना प्रभाव अवश्य डालेगी ।पिछले बीएमसी चुनाव में शिवसेना-बीजेपी ने आमने-सामने चुनाव लड़ा था। तब शिवसेना के 84 और बीजेपी के 82 नगरसेवक चुन कर आए थे। वहीं कांग्रेस के 31, एनसीपी के 9, मनसे के 7, सपा के 6, एमआईएम के 2 नगरसेवक चुन कर आए थे। लेकिन इस बार शिंदे गुट के बीजेपी संग आने के कारण चुनावी परिणाम में बदलाव के संकेत साफ नजर आ रहे हैं।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मदद से और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी ने देश की सबसे समृद्धशाली मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) सहित अन्य 14 महानगर पालिकाओं को जीतने का लक्ष्य रखा है। राज्य में सत्ता परिवर्तन होते ही मुंबई बीजेपी ने ट्वीट कर अपने इरादे जाहिर कर दिए। बीजेपी ने अलग-अलग सामाजिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को सक्रिय कर दिया है।