दिल्ली पुलिस ने किया खुलासा, JNU हिंसा के 9 आरोपितों की हुई पहचान, JNUSU प्रेसिंडेंट आइशी घोष भी शामिल

नई दिल्ली. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो की जांच पड़ताल के बाद दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा में 9 लोगों की पहचान की है। जिसमें JNUSU प्रेसिंडेंट आइशी घोष का नाम भी शामिल है। इससे पहले दिल्ली पुलिस मुख्यालय में सुबह 11 बजे बैठक हुई। जानकारी के मुताबिक, JNU में पिछले कुछ दिनों से चल रहे हंगामे के मसले पर पुलिस कमिश्नर की अध्यक्षता में फैक्ट फाइंडिंग कमिटी की प्रमुख ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह सहित अन्य अधिकारी इस बैठक में मौजूद थे।

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जेएनयू हिंसा में पुलिस ने की 9 लोगों की पहचान

पंकज मिश्रा, आइशी घोष, योगेंद्र भारद्वाज, सुचेता तालुकदार, प्रिय रंजन, चुनचुन कुमार, विकास पटेल, डोलन सामंता के नाम शामिल।

वायरल वीडियो से कुछ लोगों की पहचान की गई।

जेएनयू में हिंसा में पहचाने गए आठ छात्रों से जवाब मांगा गया।

दिल्ली पुलिस ने कहा, सामान्य तौर पर हम जांच पूरी होने के बाद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं लेकिन इस घटना के संदर्भ में फैलाई जा रही अफवाहों की वजह से हमें पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करना पड़ रहा है।

दिल्‍ली पुलिस ने कहा, इन छात्रों के प्रदर्शन की वजह से आम लोगों को परेशानी हो रही है। कल कनॉट प्लेस में लोगों को इनके प्रदर्शन की वजह से दिक्कतें हुईं। जब भी हम इन लोगों से कनेक्ट करने की कोशिश करते हैं तो ये लोग कानून का उल्लंघन करते हैं।

दिल्ली पुलिस ने कहा, यह मामला एक शिक्षण संस्थान का है जिसमें स्टूडेंट्स शामिल हैं। स्टूडेंट्स का भविष्य इससे जुड़ा हुआ है, उसको ध्यान में रखते हुए हम आपसे जानकारी साझा कर रहे हैं। जेएनयू में हुई घटना को लेकर लोगों के बीच गलत जानकारी फैलाई जा रही है।

दिल्ली पुलिस ने कहा, जेएनयू में विंटर रजिस्ट्रेशन चल रहा है जिसका AISF, AISA, SFI और DSF के लोग विरोध कर रहे हैं जबकि ज्यादातर स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं। इन संगठनों के सदस्य खुद तो रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे हैं, साथ ही जो स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन करना चाह रहे हैं उनको धमका भी रहे हैं। ऐसा हमारी जांच में सामने आया है।

दिल्‍ली पुलिस ने कहा, 3 जनवरी को भी इन संगठनों से जुड़े सदस्यों ने विरोध के दौरान सर्वर रूम में छेड़छाड़ की। 4 जनवरी को कुछ अराजकतत्व पीछे के रास्ते से घुसते हैं और सर्वर रूम को बुरी तरह डैमेज कर देते हैं। इस संबंध में हमारे पास एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है।
5 जनवरी सुबह 11 बजे कुछ बच्चे स्कूल ऑफ सोशल साइंस के बाहर कुछ बच्चे रजिस्ट्रेशन के लिए बाहर बैठे थे। उन बच्चों को पीटा गया और बीच- बचाव करने वाले सुरक्षा स्टाफ से भी धक्कामुक्की की जाती है।

दिल्‍ली पुलिस ने कहा, एआइएसएफ, आइसा, एसएफआइ और डीएसएफ के लोगों ने 5 जनवरी को पेरियार हॉस्टल में जाकर हमला किया। उसके बाद पुलिस वहां पहुंची।

दिल्‍ली पुलिस ने कहा, जेएनयू के साबरमती हॉस्टल के पास मौजूद टी पॉइंट के पास पीस मीटिंग हो रही थी जिस दौरान कुछ नकाबपोश लोगों ने हाथ लाठी डंडा लेकर साबरमती हॉस्टल पर हमला किया।

सर्वर रूम में छेड़छाड़ की गई। रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे कुछ छात्रों को पीटा गया। 3 जनवरी को सर्वर बंद किया गया।
जेएनयू हिंसा पर पुलिस ने बताया कि लेफ्ट के चार संगठन रजिस्ट्रेशन के खिलाफ है।
नकाबपोश जानते थे कि किस-किस रूम में जाना है।

पेरियार हॉस्टल में मारपीट की गई। बाहर वालों के लिए जेएनयू के अंदर जाना आसान नहीं।
5 जनवरी को 11.30 बजे मारपीट की गई। हिंसा के दौरान कुछ वाट्सएप ग्रुप बनाए गए।

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