शिखा पाण्डेय,
देश भर में मुफ्त कॉल व डेटा की सुनामी लेन वाले रिलायंस जियो के ऑफर्स के खिलाफ सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने सरकार को एक और शिकायत पत्र लिखा है, जिसमें लिखा गया है कि वे जिओ की फ्री-कॉल की बाढ़ को संभालने की स्थिति में नहीं हैं।
मोबाइल ऑपरेटरों के संगठन ने अब प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखकर कहा है कि वे ऐसे इंटरकनेक्ट आग्रहों को पूरा करने के लिए बाध्य नहीं हैं, क्योंकि जियो की योजना प्रतिस्पर्धा रोधक है। सीओएआई ने उचित प्रतिस्पर्धा को बहाल करने के लिए पीएमओ से हस्तक्षेप की अपील की है।
सीओएआई ने पीएमओ को भेजे पत्र में कहा है, ‘‘ऑपरेटर नरम तरीके से यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वे किसी भी प्रकार, मसलन नेटवर्क संसाधनों, वित्तीय संसाधनों की दृष्टि से उतनी मात्रा में ट्रैफिक को टर्मिनेट करने की स्थिति में नहीं हैं, जो असंयमित तरीके से आ रहा हो। इसके अलावा वे उन इंटरकनेक्ट आग्रह को मानने को भी बाध्य नहीं हैं, जो असामान्य तरीके के ट्रैफिक से आ रहा है और ऐसी आईयूसी व्यवस्था बनाता हो, जो प्रतिस्पर्धा रोधी है।’’
इसके विपरीत रिलायंस जिओ के सूत्रों ने कहा कि उसका विरोध कर रही कंपनियां पर जिओ या किसी नेटवर्क से आने वाली कॉल को ‘इंटरकनेक्टिविटी’ यानी मार्ग देने की कानूनी बाध्यता है।
गौरतलब है कि रिलायंस जिओ ने अपनी सेवाओं का व्यावसायिक परिचालन 5 सितंबर को शुरू किया है। जिओ ने आरोप लगाया है कि सेवाओं के परीक्षण के दौरान भारती एयरटेल और वोडाफोन जैसे ऑपरेटरों ने पर्याप्त इंटरकनेक्शन पोर्ट उपलब्ध नहीं कराया था। मौजूदा ऑपरेटरों का आरोप है कि रिलायंस जिओ द्वारा नेटवर्क का परीक्षण नियमनों का उल्लंघन करने का प्रयास है।