अनुज हनुमत,
समाजवादी विचारधारा के अनुयायी, मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव (90) की तबीयत गंभीर है। बताया जा रहा है कि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है। रामनरेश यादव की तबियत की जानकारी देते हुए उनके छोटे भाई डा. सुरेश यादव ने बताया कि उन्हें पीजीआई लखनऊ में भर्ती कराया गया है।
राम नरेश यादव के छोटे भाई डॉ. सुरेश ने बताया कि सांस लेने में हो रही परेशानी के चलते कुछ दिन पहले डाक्टरों ने उनका आपरेशन किया था। लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। आपको बता दें कि फूलपुर तहसील के आंधीपुर गांव निवासी रामनरेश यादव 1977 में जनता दल की सरकार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद आठ सितंबर 2011 में मध्य प्रदेश के राज्यपाल बने और आठ सितंबर 2017 को कार्यकाल समाप्त हुआ।
आजमगढ़ में वकालत करने वाले राम नरेश यादव 1977 में जनता पार्टी सरकार आने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाये गए। बाद में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। उनका जन्म एक जुलाई 1928 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के गांव आंधीपुर में किसान परिवार में हुआ। बचपन खेत-खलिहानों में गुजरा। माता भागवंती देवी गृहिणी और पिता गया प्रसाद थे। पिताजी प्राइमरी पाठशाला में अध्यापक थे। अपने राजनैतिक जीवन में समाजवादी विचारधारा के तहत जाति तोड़ो, विशेष अवसर के सिद्धान्त, बढ़े नहर रेट, लगान माफी, समान शिक्षा, आमदनी-खर्चा सीमा बांधना, वास्तविक रूप से जमीन जोतने वालों को अधिकार दिलाने, अंग्रेजी हटाओ आदि आंदोलनों को लेकर गिरफ्तारियां दीं।
आपातकाल के दौरान रामनरेश मीसा और डीआईआर के तहत जून 1975 से फरवरी 1977 तक आजमगढ़ जेल और केन्द्रीय कारागार नैनी इलाहाबाद में निरूद्ध रहे। राम नरेश के राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन में विभिन्न दलों एवं संगठनों तथा संस्थाओं से संबद्ध रहे। राज्यसभा सदस्य तथा संसदीय दल के उपनेता भी रहे। अखिल भारतीय राजीव ग्राम्य विकास मंच, अखिल भारतीय खादी ग्रामोद्योग कमीशन कर्मचारी यूनियन और कोयला मजदूर संगठन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ग्रामीणों और मजदूर तबके के कल्याण के लिये लम्बे समय तक संघर्षरत रहे। बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय में एक्सिक्यूटिव कॉसिंल के सदस्य भी थे ।
रामनरेश यादव 23 जून 1977 को उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए। मुख्यमंत्रित्व काल में आपने सबसे अधिक ध्यान आर्थिक, शैक्षणिक तथा सामाजिक दृष्टि से पिछड़े लोगों के उत्थान के कार्यों पर दिया तथा गांवों के विकास के लिये समर्पित रहे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुरूप उत्तरप्रदेश में अन्त्योदय योजना का शुभारम्भ किया।
राम नरेश 1988 में संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सदस्य बने एवं 12 अप्रैल 1989 को राज्यसभा के अन्दर डिप्टी लीडरशिप, पार्टी के महामंत्री एवं अन्य पदों से त्यागपत्र देकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। 8 सितम्बर 2011 को मध्यप्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण की।