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देशद्रोह के आरोपी व जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. अदालत ने कन्हैया को 10000 रुपए के मुचलके पर 6 महीने की अंतरिम जमानत दे दी है.जेएनयू के शिक्षक कन्हैया कुमार की ज़मानत देंगे.
न्यायालय ने कन्हैया के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं. जमानत की शर्तों के अनुसार कन्हैया को जांच में पूरा सहयोग देना होगा.
कल सुनवाई के दौरान कन्हैया के वकील ने कहा था कि कन्हैया ने कभी देश विरोधी नारेबाज़ी नहीं की.कन्हैया ने भी इस मामले में गिरफ्तार अन्य दो आरोपियों उमर खालिद और अनिर्बान भटाचार्य से खुद को बिलकुल अलग कर लिया है.वहां दिल्ली पुलिस की मानें तो कन्हैया और अन्य दोनों आरोपियों के खिलाफ सबूत और गवाह मौजूद हैं कि उन्होंने नारेबाज़ी भी की और वे लोग अफज़ल गुरु के पोस्टर्स भी थामे हुए थे. पुलिस ने कन्हैया पर यह आरोप भी लगाया कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे.
अदालत ने पुलिस से नारेबाज़ी की जगह कार्यक्रम से पहले और बाद की कोई समकालीन रिकॉर्डिंग तलब की है और कन्हैया की सक्रिय भूमिका के लिए सबूत माँगा है.
गौरतलब है कि कल न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने 9 फरवरी को जेएनयू कैंपस में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोपी कन्हैया की ज़मानत याचिका पर तीन घंटे की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था.कन्हैया अभी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में है.