ब्यूरो
गुजरात के अहमदाबाद अपराध निरोधक शाखा ने गुरुवार की रात शहर में स्थित एक कारखाने से लगभग 270 करोड़ का अफेड्राइन ड्रग्स बरामद किया है। टीम ने तीन लोगों को हिरासत में भी लिया है। खबर है कि इस कारखाने में पिछले 15 दिनों से दूसरे राज्यों से लाये जा रहे केमिकल्स के द्वारा नशीली दवाइयों का उत्पादन किया जा रहा था।
नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के डायरेक्टर हरिओम गांधी के अनुसार, कुछ मुखबिरों ने ये सूचना दी और क्राइम ब्रांच ने अहमदाबाद के पास देहगाम GIDC के MD स्टील इंडस्ट्री में छापा मारा, जिसमें गोदाम से 1300 किलो अफेड्राइन नामक प्रतिबंधित पाउडर बरामद हुआ है। अफेड्राइन से नशीली दवाइयां बनाई जा रही थीं, जिसकी कीमत बाजार में लगभग 270 करोड़ रुपये है।
पाउडर के सैम्पल्स लेकर FSS भेजा गया है। क्राइम ब्रांच के कमिश्नर जेके भट्ट के मुताबिक़, तीनों आरोपी इसी कारखाने में काम करते हैं। फैक्ट्री का मालिक कल्पेश पटेल, जोकि मुख्य आरोपी है वो फरार हो गया है। उसके पकडे जाने के बाद ही ये ड्रग्स कहाँ से लाया गया और इसे किसने मंगवाया था ये सभी बातें स्पष्ट हो पाएंगी।
अफेड्राइन बेहद घातक नशीला पदार्थ है जिसे, नशा करने वाले लोग नाक से या सिरींज के द्वारा नसों में लेते हैं। इसमें अफिड्रा नामक एक तत्व होता है, जिसके कारण मनुष्य में पल भर के लिए अत्यधिक जोश पैदा होता है। डॉक्टर्स के मुताबिक़, इससे क्षणिक स्फूर्ति भले ही आये लेकिन ये बेहद घातक ड्रग्स है। इसके सेवन से लकवा भी हो जाता है। ये दवा मानव शरीर को घुन की तरह खा जाती है, जिसे भारत में 2004 में ही प्रतिबंधित कर दिया गया था। कई अन्य देश जैसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी आदि ने भी इसपर प्रतिबन्ध लगा रखा है।
ये गुजरात के इतिहास में ये दूसरी ड्रग्स की बड़ी घटना है। इसके पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुताबिक़ वर्ष 2009 में गुजरात के भरूच से 238 किलोग्राम नशीली दवाएं बरामद हुई थीं, जिनकी इंटरनेशनल मार्केट में कीमत लगभग 100 करोड़ रुपये थी।