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असहिष्णुता विवाद में पिछले दिनों बुरी तरह उलझे बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने भारत को एक सहिष्णु देश बताया है और कहा है कि कुछ लोग हैं जो नफरत फैला रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील भी की है कि वे उन पर रोक लगाएं.
एक प्रेस रिलीज के मुताबिक आमिर ने ‘‘आप की अदालत’’ कार्यक्रम में सवाल जवाब के दरमयान कहा, ‘‘हमारा देश बहुत सहिष्णु है किन्तु कुछ लोग जान बूझकर दुर्भावनाएं फैला रहे हैं. वे किसी एक मज़हब के नहीं हैं. देश को बांटने की कोशिश करनेवाले लोग हर धर्म में मौजूद हैं. मगर मोदीजी उन्हें रोक सकते हैं. आखिरकार मोदीजी हमारे प्रधानमंत्री हैं और हमें उनसे कहना चाहिए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘कानून सभी के लिए बराबर है तथा कोई भी कानून से ऊपर नहीं है. प्रधानमंत्री जी का नारा है ‘सबका साथ, सबका विकास’. यदि मैं गलत नहीं हूँ,तो सबका साथ मुझे अवश्य मिलेगा.’’
गौरतलब है कि आमिर उस समय विवादों में घिर गए थे जब उन्होंने यह टिप्पणी की थी कि उनकी पत्नी असहिष्णुता के कारण भारत छोड़ने पर विचार कर रही है. वरिष्ठ अभिनेता अमिताभ बच्चन ने तब इस विषय में टिप्पणी की थी कि आमिर ने यह बयान देकर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है. उस टिप्पणी का जवाब आमिर ने अब दिया और कहा कि असहिष्णुता बढ़ने के कारण असुरक्षा की भावना अवश्य बढ़ी है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने साक्षात्कार में कहा था कि अवसाद की भावना, निराशा की भावना बढ़ रही है तथा असुरक्षा एवं असहिष्णुता की भावना भी बढ़ी है. किन्तु यह दोनों बिल्कुल अलग चीजें हैं और इसका तात्पर्य यह कतई नहीं हुआ कि भारत एक असहिष्णु देश है.’’
आमिर ने यह भी कहा कि उनकी बातों को गलत तरीके से लिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘बढ़ती असहिष्णुता कहना और भारत असहिष्णु है,यह कहना दो बिल्कुल अलग चीजें हैं.’’
आमिर ने मीडिया एवं समाचार चैनलों से भी अपील की कि वे टीवी पर हिंसा की खबरें प्रसारित न करें क्योंकि इससे भय का माहौल उत्पन्न होता है.
सरकार द्वारा उन्हें ‘अतुल्य भारत’ के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में हटाने के बावजूद भारत की सेवा करते रहने का दावा करते हुए आमिर ने कहा, ‘‘भारत कोई ब्रांड नहीं है,वह माँ है हमारी, और मैं अपनी माँ को किसी ब्रांड के रूप में नहीं देखता. यह अन्य लोगों के लिए ब्रांड हो सकता है किन्तु मेरे लिए नहीं. भले ही सरकार ने मुझे हटा दिया हो, मैं हमेशा भारत की सेवा के लिए समर्पित हूँ.’’
उन्होंने कहा कि वह दस साल तक ‘अतिथि देवो भव अभियान’ के ब्रांड एम्बेसडर थे और उन्होंने देश के इस जन सेवा अभियान के लिए एक भी पाई नहीं ली तथा भविष्य में भी नहीं लेंगे.
असुरक्षा के कारण भारत छोड़ने की उनकी पत्नी द्वारा जतायी गयी मंशा के बारे में आमिर ने कहा कि वे और उनकी पत्नी कहीं नहीं जा रहे. वे भारत में जन्मे हैं और भारत में ही मरेंगे. उन्होंने अपनी पत्नी का बचाव करते हुए कहा, ‘‘हम अक्सर आपस में बहुत सी बातें कहते हैं किन्तु कहने का हमेशा वही मतलब नहीं होता. हम सौ प्रतिशत उस पर अमल भी नहीं करते, क्योंकि हमेशा हमारी मंशा वही नहीं होती. किरण वास्तव में अपने भाव प्रकट कर रही थी. आखिरकार किरण भी एक माँ है तथा माँ अपने बच्चों को लेकर सदैव चिंतित रहती है. हम यहां जन्में हैं और यहीं मरेंगे. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम अपने देश को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे. ’’
अपनी फ़िल्म पीके में हिन्दू देवताओं का मज़ाक उड़ाने के विषय में आमिर बोले कि उस फ़िल्म में भगवन शंकर का चारित्रिक अभिनय करने वाले कलाकार पर,विशिष्ट परिस्थिति में चुटकी ली गई थी,न कि स्वयं भगवन शंकर पर. आखिरकार भगवान शंकर सर्वशक्तिमान हैं, हम उनका मजाक बनाने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं!’’
अभिनेता ने कश्मीरी पंडितों के विषय में कहा,‘‘मेरा दिल उनके लिए रोता है. उनके साथ हुआ बर्ताव शर्मनाक है तथा मैं घाटी में रहने वाले लोगों से अपील करता हूं कि वे कश्मीरी पंडितों को वापस लाएँ.’’