न्यूयॉर्क ।। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन ने अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और हिंदुस्तान के पीएम मोदी से किसानों को लेकर उनके प्लान पर कुछ कड़े सवाल पूछे हैं। दोनों देशों में बीते कुछ वक्त में किसानों को लेकर बनाए गए प्लान की WTO गहनता से जांच कर रहा है। इस मामले में बीते सोमवार को WTO की कृषि कमेटी की तिमाही बैठक में प्रश्न भी सौंपे जा चुके हैं।
साइज और पेमेंट मोड को लेकर वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के नियम सख्त हैं और सदस्य देशों की इस बात पर पैनी नजर होती है कि कहीं कोई घपला तो नहीं हो रहा। 62 पेज में पूछे गए ये सवाल 25-26 जून की बैठक में पेश किए जाएंगे। अनुमानत: इसमें सबसे प्रमुख प्रश्न ये होगा कि दोनों सरकारें इस बात की सफाई दें कि वे गलत तरीके से किसानों की आमदनी बढ़ाने का प्रयास तो नहीं कर रही हैं।
दरअसल, डी ट्रंप और पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान कृषि क्षेत्र को प्रमुखता से सपोर्ट करने का प्रयास किया है। एक तरफ ट्रंप चाइना के टैरिफ वॉर से होने वाली हानि की भरपाई कृषि क्षेत्र से करना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी के सामने कृषि प्रधान देश में आर्थिक सुस्ती का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही हिंदुस्तानी जीडीपी बीते 5 वर्ष के न्यूनमत स्तर पर फिसलकर 5.8 फीसदी के स्तर पर आ गया है।
यूरोपियन यूनियन ने भी हिंदुस्तान से सवाल पूछा है कि आखिर कैसे पीएम मोदी कृषि और ग्रामीण विकास के लिए 25 ट्रिलियन रुपये खर्च करने वाले हैं। हिंदुस्तान सरकार का महत्वकांक्षी लक्ष्य है कि साल 2022 तक किसानों की आय को दोगुना किया जाए। यूरोपियन यूनियन ने सवाल पूछा कि उत्पादों की वैश्विक कीमत और जरूरत से ज्यादा उत्पादन न करने के नियमों का पालन करते हुए हिंदुस्तान आखिर कैसे इस टारगेट को पूरा करेगा?
अमेरिका ने भी हिंदुस्तान से गैर-बासमती चावल पर 5 फीसदी की निर्यात सब्सिडी और बढ़ती कीमतों पर गेहूं खरीदने को लेकर सवाल पूछा है। अमेरिका ने बताया कि गेहूं की रिकॉर्ड उत्पादन के बाद कहीं हिंदुस्तान ज्यादा मात्रा में इसकी रिकॉर्ड स्टॉकिंग तो नहीं कर रहा है।