राहुल गांधी की बातों में कितना दम, कितना आसान है जम्मू कश्मीर को राज्य बनाना?

नृपेन्द्र कुमार मौर्य | navpravah.com

नई दिल्ली | जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं, राजनेता बयानबाजी करना शुरू कर देते हैं। जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित राज्य बने लगभग 6 साल हो गए लेकिन कांग्रेस नेता को ये बात आज याद आई क्योंकि जम्मू कश्मीर में चुनाव नजदीक है।

जैसा कि अब जम्मू कश्मीर में चुनाव है तो आज लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपनी पार्टी का प्रचार करने जम्मू कश्मीर के रामबन पहुंचे थे। उन्होंने वहां प्रधान मंत्री पर जमकर निशाना साधा।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “पहली बार देश के एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर लोगों के अधिकार छीने गए। सबसे पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस करना होगा क्योंकि सिर्फ आपका राज्य ही नहीं छीना गया है, आपसे आपके अधिकार, आपकी संपत्ति, सब कुछ छीना जा रहा है। 1947 में हमने राजाओं को हटाकर लोकतांत्रिक सरकार बनाई, देश को संविधान दिया। आज जम्मू-कश्मीर में एक राजा बैठा है, उसका नाम उपराज्यपाल है लेकिन वो राजा है। आपकी संपत्ति आपसे छीनकर बाहर के लोगों को दी जा रही है। हमारा पहला कदम जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाना होगा, हम चाहते थे कि चुनाव से पहले आपको राज्य का दर्जा मिले और फिर चुनाव हों लेकिन भाजपा ये नहीं चाहती। भाजपा चाहे या न चाहे INDIA गठबंधन इतना दबाव डालेगी कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देना ही होगा।”

राहुल गांधी जी ने बयान तो से दिया कि हम केंद्र सरकार पर दवाब बनायेंगे कि हम जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य बनायेंगे लेकिन आइए समझते हैं संविधान में इसकी क्या प्रक्रिया है –

जम्मू और कश्मीर को पुनः पूर्ण राज्य बनाने के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 और 4 के तहत निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाएगी:

1. विधेयक का प्रस्ताव: केंद्र सरकार संसद में संविधान संशोधन विधेयक पेश करेगी।

2. राष्ट्रपति की सहमति: राष्ट्रपति विधेयक को संसद में पेश करने से पहले अपनी सहमति देंगे।

3. संसद में पारित: विधेयक संसद के दोनों सदनों में बहस और वोटिंग के बाद साधारण बहुमत से पारित होगा।

4. राष्ट्रपति की स्वीकृति: राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद विधेयक कानून बन जाएगा।

5. अधिसूचना और लागू: कानून की अधिसूचना जारी होने पर जम्मू और कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा। इसके बाद विधानसभा चुनाव होंगे और राज्यपाल की नियुक्ति की जाएगी।

यह प्रक्रिया केंद्र सरकार की मंशा और संसद की सहमति पर निर्भर करेगी। अब इस तरह से देखा जाए तो राहुल गांधी की सरकार केंद्र में है नहीं, तो उनके ये दावे खोखले ही लग रहे हैं। उनका ये बयान चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक ज्यादा लग रहा है।

अब राहुल गांधी के इस बयान के बाद से राजनीति और तेज होगी ही, अभी तो ये बयानबाजी शुरू हुई है। तमाम पार्टियां बड़ी बड़ी घोषणाएं करेंगी लेकिन इन सब के बीच देखने वाली बात ये भी होगी कि क्या कोई पार्टी आर्टिकल 370 को भी फिर से लागू करने की बात ना कर दे।

पाकिस्तान की भी होगी नजर –

जम्मू कश्मीर में चुनाव होने के कारण अब इन चुनावों पर पाकिस्तान और उसकी एजेंसी आईएसआई भी नजर गड़ाए बैठी हैं। पाकिस्तान हमेशा भारत में अस्थिरता लाने की कोशिश में लगा रहता है और इस बार चुनाव जम्मू कश्मीर में है तो पाकिस्तान और चौकन्ना होगा और चाहेगा कि उसकी विचारधारा वाली पार्टियां चुनाव जीते।

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