न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेटवर्क
दिल्ली के चिड़ियाघर के जानवरों पर इन दिनों मौत का संकट छाया हुआ है. आए दिन यहां के पशुओं की मौत हो रही है, तो कई पशु बीमार है. हालांकि चिड़ियाघर प्रशासन का दावा है कि, जानवरों की बेहतर देखभाल की जा रही है और उन्हें उच्च दर्जे का उपचार भी दिया जा रहा है. इसके बावजूद शनिवार को एक मादा लंगूर की मौत हो गई. यह अफ्रीकी लंगूर 10 सितंबर से बीमार थी. दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक रमेश पांडे ने बताया कि, जानवर को सर्वश्रेष्ठ इलाज दिया गया. उसकी हालत पर चौबीसों घंटे नजर रखी गई. जानवर की आंत को जांच के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली भेजा गया है.
18 सितंबर को भी हुई थी एक लंगूर की मौत,
इसके साथ ही इस महीने दो लंगूर की मौत हो गई. पहले लंगूर की मौत 18 सितंबर को हुई थी. चिड़ियाघर में अब केवल तीन लंगूर बचे हैं. चिड़ियाघर में एक 11 वर्षीय शेर सुंदरम का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सुंदरम लकवा से पीड़ित है. पांडे ने यह भी कहा कि पिछले छह महीने में चिड़ियाघर में पशु मृत्यु दर में लगभग 45 प्रतिशत की कमी आई है.
इन पशुओं की हो चुकी है यहां मौत
बता दें कि पिछले साल भी दिल्ली के चिड़ियाघर में दरियायी घोड़े के बच्चे, काला हिरण और एक अन्य जीव की मौत हो गई थी. दरियायी घोड़ा चिड़ियाघर की बीट-17 में रहता था. उसके मरने के कुछ घंटे पहले काला हिरण और एक अन्य जीव की मौत हो गई थी. तब पिछले 8 दिनों में जानवरों के मरने का आंकड़ा 5 तक पहुंच गया था. चिड़ियाघर के क्यूरेटर मो. रियाज खान ने हमेशा की तरह इस बार भी किसी जानवर की मौत को लेकर ‘जानकारी नहीं’ वाला रवैया अपनाया था. उनका कहना था कि उनके पास फिलहाल ऐसी कोई जानकारी नहीं है.
अफ्रीकी जंगली भैंसे की मौत हो गई थी
सिर्फ 25 प्रतिशत मामलों की ही दी जाती थी जानकारी
दरअसल, साल 2018 में भी यहां एक अफ्रीकी जंगली भैंसे की मौत हो गई थी. अफ्रीकी प्रजाति का वह इकलौता भैंसा था. 2017 में भी अफ्रीकी भैंसे की मौत हो गई थी. वहीं, साल 2018 में एक जंगली सूअर की भी मौत हो गई थी. कुछ साल पहले तक जानवरों की मौत के 25 फीसदी मामलों की जानकारी ही प्रशासन को देता था. इस पर काफी हो-हल्ला मचा था. हाई कोर्ट में चल रहे एक मामले में चिड़ियाघर प्रशासन ने कोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में माना था कि जून 2018 से 7 जून 2019 तक 245 जानवरों की मौत हो चुकी है.