अब देश के हर डॉक्टर का होगा यूनीक रजिस्ट्रेशन नंबर-एमसीआई

Now every doctor in the country will have a unique registration number- MCI

शिखा पाण्डेय |Navpravah.com

अलग-अलग बीमारियों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की तलाश में अब आपको इस अस्पताल से उस अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। साथ ही किसी भी फ़र्ज़ी डॉक्टर की भेंट भी न चढ़ना होगा, क्योंकि अब ‘मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया(एमसीआई)’ ने देश के सभी मेडिकल प्रैक्टिशनर्स को ‘यूनीक परमानेंट रजिस्ट्रेशन नंबर’ देकर सिंगल डिजिटल सिस्टम के तहत लाने का फैसला लिया है। अब देश भर के डॉक्टरों का ब्योरा अब आपको एक ही जगह पर मिल सकेगा।

एमसीआई का कहना है कि ड्यूप्लिकेट रजिस्ट्रेशन्स, फर्जी अस्पतालों पर रोक लगाने और मेडिकल प्रैक्टिस का नियमन करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। मेडिकल से जुड़ी संस्थाओं ने इस कदम का स्वागत किया है। इससे महाराष्ट्र के उन डॉक्टरों को भी राहत मिलेगी, जिन्हें हर 5 साल पर अपना रजिस्ट्रेशन रीन्यू कराना पड़ता था।

औरंगाबाद स्थित इंडियन मेडिकल असोसिएशन के अधिकारी रमेश रोहिवाल ने कहा कि यूनिफॉर्म रजिस्ट्रेशन नंबर सिस्टम से उन डॉक्टरों को मदद मिलती है, जो स्थान बदल लेते हैं। रोहिवाल ने बताया, “इससे पहले दूसरे राज्य में जाने पर डॉक्टरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि वे किसी अन्य राज्य की मेडिकल काउंसिल में रजिस्टर्ड होते थे। यूनिक परमानेंट रजिस्ट्रेशन नंबर से ऐसे डॉक्टरों को मदद मिलेगी। इसके अलावा डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन की जानकारी हासिल करना भी आसान हो सकेगा।”

रोहिवाल ने कहा कि महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के नियम के तहत डॉक्टरों को रजिस्ट्रेशन रीन्यू कराने से पहले एक साल और दो साल का बॉन्ड पूरा करना होता था। यह सुविधा उन डॉक्टरों के लिए है, जिन्होंने अपनी ग्रैजुएशन, पोस्ट-ग्रैजुएशन और सुपर स्पेशियलिटी डिग्री 1980 से 2000 के बीच सरकारी मेडिकल कॉलेज से पूरी की है। रोहिवाल ने कहा है कि ऐसे तमाम डॉक्टर हैं, जिन्होंने कभी भी बॉन्ड पूरा नहीं किया और प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। इस प्रकार यूनीक परमानेंट रजिस्ट्रेशन नंबर की मदद से मेडिकल क्षेत्र की ऐसी तमाम धांधलियों को रोकने में मदद मिलेगी।

 

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