एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजने के केंद्र के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला दे सकता है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्र करेंगे।
केंद्र सरकार ने पिछले साल अगस्त में भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं को वापस भेजने का निर्णय लिया था। उन्होंने इन शरणार्थियों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
म्यांमार के रखाइन में हुई हिंसा के बाद वहां से भागकर आए रोहिंग्या शरणार्थी जम्मू, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में रह रहे हैं।
सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि, ये भारत में नहीं रह सकते हैं। सरकार ने कहा है कि उसे खुफिया जानकारी मिली है कि कुछ रोहिंग्या आतंकी संगठनों के प्रभाव में हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में दलीलें भावनात्मक पहलुओं पर नहीं। बल्कि कानूनी बिंदुओं पर आधारित होनी चाहिए। केंद्र ने कहा है कि देशभर में 40 हजार से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी मौजूद हैं। अब तक करीब 9 लाख रोहिंग्या म्यांमार छोड़ चुके हैं।
केंद्र सरकार ने कोर्ट में यह भी कहा था कि सरकार इस समस्या के समाधान के लिए राजनयिक प्रयास कर रही है।इसलिए कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए।