एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
आज अंतरराष्ट्रीय सौर गठजोड़ के संस्थापन सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने सौर ऊर्जा क्षेत्र के लिए रियायती और कम जोखिम वाला कर्ज उपलब्ध कराने का आह्वान किया और देश में 2022 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन को 175 गीगावॉट तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने दस सूत्रीय र्कारवाई योजना पेश की, इस कार्रवाई योजना में सभी राष्ट्रों को सस्ती सौर प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराना, ऊर्जा मिश्रण में फोटोवोल्टिक सेल से उत्पादित बिजली का हिस्सा बढ़ाना, नियमन और मानदंड बनाना, बैंक ऋण योग्य सौर परियोजनाओं के लिए सलाह देना और विशिष्टता केंद्रों का नेटवर्क बनाना शामिल है।
आईएसए के 2030 तक 1,000 गीगावॉट के सौर बिजली उत्पादन तथा 1,000 अरब डॉलर का निवेश जुटाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को रियायती कर्ज उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
पीएम ने इस तरह की परियोजनाओं को कम जोखिम वाला वित्त उपलब्ध कराया जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 175 गीगावॉट बिजली का उत्पादन करेगा, जिसमें से 100 गीगावॉट सौर बिजली के रूप में होगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत ने पिछले तीन साल के दौरान 28 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए हैं, इससे दो अरब डॉलर की बचत हुई है। साथ ही इससे हम4 गीगावॉट बिजली भी बचा पाये हैं।