‘लेस कैश’ से शुरुआत करें, तभी ‘कैश लेस’ बन पाएंगे -पीएम मोदी

शिखा पाण्डेय,

रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम के 26वें संस्करण में आज प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर शहीद हुए जवानों से लेकर नोट बंदी तक कई अहम मुद्दों पर आम जनता को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक झटके में हम ‘कॅश लेस’ सोसाइटी भले न निर्मित कर सकें, लेकिन ‘लेस कॅश’ की शुरुवात कर ‘कॅश लेस’ बनने की ओर कदम तो बढ़ा ही सकते हैं।

सीमा पर तैनात एक सैनिक की ओर से भेजे गए संदेश का ज़िक्र करते हुए पीएम ने कहा कि हर त्यौहार सीमा पर अपने परिवार से दूर रह कर बिताने वाले सैनिकों को इस बार देश भर से मिले तमाम संदेशों से ऐसा महसूस हुआ कि वे अपने परिवार के साथ त्यौहार मना रहे हैं। पीएम ने इन तमाम संदेशों को मिलाकर एक ‘कॉफ़ी टेबल बुक’ बनाने की बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर से मिले संदेशों से एक सैनिक की शक्ति सवा सौ करोड़ गुना बढ़ जाती है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “8 नवंबर को लिए गए नोटबंदी के फैसले से पूरे देश को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन बदलाव कभी आसान नहीं होता। इस प्रभाव से बाहर निकलने में 50 दिन तो लग ही जायेंगे। 70 साल की बीमारी ख़त्म करने में समय तो लगेगा ही।” पीएम ने कहा कि कुछ दिल दुखाने वाली घटनाओं के बावजूद जब मैं जनमानस का समर्थन देखता हूँ, तो मुझे अपने देशवासियों पर गर्व महसूस होता है।

जनता के प्रयासों से देश सोने की तरह तप कर निकलेगा-

पीएम ने कहा कि नोट बंदी के फैसले का विश्व के बड़े-बड़े अर्थशात्री मूल्यांकन कर रहे हैं, सबकी नज़रें इस बात पर टिकी हैं कि सवा सौ करोड़ भारतीय कैसे इस संकल्प को पूरा करते हैं। आप सभी के इन कड़े प्रयासों के चलते हमारा भारत देश सोने की तरह तप कर निकलेगा। प्रधानमंत्री ने तमाम बैंक व डाक कर्मचारियों का भी तहे दिल से शुक्रिया अदा किया कि इस बदलाव की घड़ी में वे सीमा से ज़्यादा मेहनत कर, भाग दौड़ को सामान्य बनाने का अथक प्रयास कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कालाबाज़ारी करने वाले लोगों से आग्रह किया कि वे खुद सुधरें या न सुधरें, लेकिन गरीबों को प्रलोभन देकर अपना उल्लू सीधा करने का प्रयास न करें, जिससे वह गरीब आगे चलकर फंस जाये। मोदी ने नोट बंदी के बीच बड़ी समझदारी से हुई सूरत की ‘चाय पर चर्चा’ वाली शादी की सराहना की। उन्होंने देश भर में हुए ऐसे कई अप्रतिम उदहारण दिए।

मोदी ने देश भर के नागरिकों से कॅश लेस सुविधा की ओर बढ़ने का आग्रह किया, जिससे बिचैलियों का खेल ख़त्म हो, और देश से भ्रष्टाचार का नामोनिशान मिटे। पीएम ने किसानों का भी धन्यवाद दिया जिन्होंने कठिनाई की इस घड़ी में भी सरकार का पूरा साथ दिया और 20 नवंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, पिछली बार से भी इस बार ज़्यादा बुवाई हुई।

मोदी ने देश की 65 % आबादी, यानि कि हमारी युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे देश में बदलाव लाएं, क्रांति लाएं। वे एक आध घंटा निकालकर कम से कम 10 परिवारों को कैश लेस बनने के लिए जागरूक करें। वे उन्हें उन तमाम ऐप्स, टेक्नोलॉजी,खाते, लेन देन की जानकारी दें, ताकि लोग रुपे, इ वॉलेट, डेबिट-क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल का महत्त्व समझ सकें। पीएम ने कहा, “युवा इस महाअभियान का हिस्सा बनें, जिससे एक माह के भीतर हम नए आधुनिक हिंदुस्तान के रूप में खड़े हो सकें।”

पीएम ने अंत में महानायक अमिताभ बच्चन का भी शुक्रिया अदा किया जिन्होंने अपने पिता महान कवि श्री हरिवंश राय बच्चन की जयंती पर उनकी ही पंक्तियों (मिटटी का तन, मस्ती में मन, क्षण भर जीवन, मेरा परिचय।) से प्रेरित हो, स्वच्छता अभियान के लिए कुछ पंक्तियां लिखीं हैं,”स्वच्छ तन, स्वच्छ मन, स्वच्छ भारत, मेरा परिचय।”

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