एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
काली मिर्च का इस्तेमाल घरों में सब्जियों व पकवानों को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में काली मिर्च का इस्तेमाल विभिन्न रोग-विकारों की दवाइयां बनाने में किया जाता हैं।
काली मिर्च सफेद और काली दो तरह की होती हैं, कालीमिर्च के आधा पक जाने पर काली मिर्च सफेद हो जाती है।वनस्पति विशेषज्ञों के अनुसार पूरी तरह पक जाने पर काली मिर्च का तीखापन अपने आप कम हो जाता है।
काली मिर्च कफ के रोग को ठीक करती है, इससे कफ, खांसी और जुकाम को ठीक करने में बहुत फायदेमंद है। बवासीर रोग को ठीक करने के लिए भी कालीमिर्च काफी उपयोगी है।
काली मिर्च खाने के फायदे बहुत होते है इसके लिए आप इसे लगभग सभी तरह की सब्जियों में डालकर खा सकते है और इसके गुणों का लाभ उठा सकते है।
मलेरिया में भी कालीमिर्च के सेवन से बहुत लाभ होता है। दांतों के दर्द को यह पलक झपकते ही ठीक कर देती है, आँखों की रोशनी के लिए भी यह बहुत गुणकारी होती है। शरीर के किसी भाग में सूजन होने पर काली मिर्च को पीसकर लेप करने से सूजन जल्दी ही ठीक हो जाता है।
कालीमिर्च का पाउडर सूंघने से बार-बार छींकने से जुकाम से बंद नाक खुलती है, सिरदर्द भी ठीक होता है, कालीमिर्च को पीसकर दही में मिलाकर गुड़ के साथ सेवन करने से नाक से होने वाला रक्त स्राव बंद होता है।
काली मिर्च से बनाये शरीर का कायाकल्प ड्रिंक – इसको बनाने के लिए पांच काली मिर्च को पीसकर पानी में भिगो दें, इस पानी को उबालें और छानकर पिएं, इसमें मौजूद पोटेशियम से ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल में रहता है।