UP में अवैध खनन पर स्पेशल रिपोर्ट: लाल सोने की बेइंतहा चोरी के बीच चांदी घाट में काम करने वाले नाबालिग किशोर की मौत

लखनऊ।। एक तरफ आला प्रशासन आम चुनावों की तैयारियों में व्यस्त था तो वहीं दूसरी ओर खनन माफिया नदियों का सीना चीरकर बेइंतहा पैसा कमा रहे थे जिससे प्रकृति को तो नुकसान हुआ ही साथ ही सरकार को भी लाखों करोड़ों के राजस्व की चपत लगती रही । वहीं इन खनन माफियाओ के हौसले इतने बुलंद हैं कि योगी सरकार के मंशूबों में दिनदहाड़े पानी फेरा जा रहा है । हमीरपुर ,जालौन और बाँदा में अवैध खनन की ग्राउंड जीरो से रिपोर्टिंग करने के बाद हमारी टीम पहुंची चित्रकूट और कौशाम्बी । हमारे संवाददाता अनुज हनुमत ने अपनी जान जोखिम में डालकर धरती का सीना चीरकर खनन कर रहे माफियाओ के सच को उजागर किया । फिलहाल कौशाम्बी के महेवाघाट और चित्रकूट के चांदी घाट में जोरो से अवैध बालू खनन हो रहा है।

चांदी घाट (चित्रकूट) और महेवाघाट (कौशाम्बी) बालूघाट में हो रहा मानक से विपरीत अवैध खनन-

कौशाम्बी और चित्रकूट में अवैध खनन जोरों पर – महेवाघाट और चांदी घाट इलाके में ठेकेदार एक खण्ड का टेण्डर लेकर कर रहे कई खण्डों में खनन, प्रशासन मौन है। एक तरफ जहां बालू से लदी अंडरलोड गाड़ियाँ चलाने का फरमान योगी सरकार का था, तो वहीं मौजूदा दौर में ओवरलोड से भी ज्यादा लोड वाहनों ने सड़कों का हाल सबसे ज्यादा खराब है।

यमुना की धारा मोड़कर अवैध खनन किया जा रहा है, जिम्मेदार बेपरवाह हैं। घाट में लेबर लोडिंग की जगह पोकलैंड मशीनों से लोडिंग की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक घाट में माननीय के नाम के चलते जिला प्रशासन कार्यवाही से कतरा रहा है। वहीँ ये बालू घाट नाबालिग बच्चो की कब्रगाह बनते जा रहे हैं।

यमुना बालू घाट में बच्चे की डूबकर हुई मौत

पहाड़ी चित्रकूट यमुना नदी को बालू माफियाओं द्वारा अत्याधिक गहरी करण करने के बाद बच्चे के नहाते समय डूबकर मौत हो गई! गुस्साए ग्रामीणों ने लाश को रोड में रखकर कई घंटे किया जाम! प्राप्त जानकारी के अनुसार पहाड़ी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत चांदी के यमुना नदी में बालू माफियाओं द्वारा नदी के बीच धारा से अत्याधिक बड़े पैमाने पर पोकलैंड मशीनों के माध्यम से सीमा से कई गुना गहरा कर दिया! चांदी निवासी विधवा महिला ननकी अपने पुत्र चंदी निषाद पुत्र विजय उम्र 12 वर्ष बालू घाट में रहकर कार्य करता था ! सुबह नदी में नहाने गया नाबालिग बच्चा यमुना नदी के गहराई तरफ जाकर डूब गया! काफी देर होने के बाद परिजनों ने बच्चे को ढूंढने घाट तरफ गए तो मृत हालत में नाबालिग बच्चा घाट किनारे पड़ा मिला! बच्चे की मौत देखकर परिवार में कोहराम मच गया तथा बालू माफियाओं की लापरवाही के बच्चे की हुई मौत को लेकर ग्रामीणों में आक्रोष व्यक्त करते हुए मृतक के शव को लेकर बीच रोड में रखकर जाम कर दिया! आनन फानन में राजापुर थाना एवं तमाम थानों की पुलिस को सूचना मिलते ही घाट में पहुंचकर परिजनों को कार्यवाही का आश्वासन देकर मृत बच्चे की लाश को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम हेतु जिला अस्पताल भेजा गया! ग्रामीणों ने बताया बालू ठेकेदार द्वारा चांदी घाट में जमकर लापरवाही की जा रही है !

बड़े पैमाने में आए दिन 15 से 20 नाबालिग बच्चों से ₹100 प्रति बच्चे को मजदूरी के हिसाब से बालू घाटों में कार्य कराया जा रहा है! बालू घाटों में 4 पोकलैंड मशीन से दिन रात ट्रक एवं ट्रैक्टरों में और लोडिंग करके बालू को लोड किया जा रहा है! गांव की गरीब मजदूरों को ठेकेदारों द्वारा कार्य नहीं दिया जाता जिससे बेरोजगारी का फायदा उठाकर नाबालिगों से कम दामों में बालू घाटों में मजदूरी का कार्य कराया जाता है! परंतु जिम्मेदार अफसरों को बड़ी घटना के बाद भी घटनास्थल पहुंचना वाजिब नहीं समझा! तथा बालू माफियाओं के विरुद्ध बच्चे की मौत की लापरवाही पर किसी तरह की कोई कार्यवाही जिम्मेदार अफसरों द्वारा नहीं की गई!

बताते चलें कि बालू खनन के कारोबार के लिए चर्चित जनपदों में इलाहाबाद से संटा हुआ कौशाम्बी जनपद भी मशहूर है। यहाँ पर इस समय बालू माफिया पूरी तरह से सक्रिय हैं। जो न सिर्फ अपने ही खण्ड में खनन करते हैं बल्कि एक खण्ड का टेण्डर लेकर समूचे खाली पड़े खण्डों में अवैध खनन करवाते हैं, जिससे प्रदेश के राजस्व के एक लंबी धनराशि की क्षति भी होती है। सूत्रों की मानें तो इन खनन माफिया का जाल इतना बड़ा है कि जिले के अधिकारी भी इनके सामने घुटने टेके हुए हैं। एक तरफ जहां प्रशासन ने लेबर लोडिंग के लिए आदेशित किया था तो वहीं ये खनन माफिया सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए पोकलैंड मशीनें लगाकर यमुना की धारा मोड़कर खनन कर रहे हैं साथ ही पूरीरात यमुना की धारा में पनचक्की लगाकर यमुना नदी को गर्त में मिलाने का काम कर रहे हैं। जिससे आने वाले समय में प्राकृतिक आपदाएं आने का भी खतरा मँडराता दिखाई दे रहा है।

माननीय के नाम का भी कर रहे पूरा दुरुपयोग, माननीय का नाम भी अवैध खनन में बदनाम

विश्वस्त सूत्रों/घाट में मौजूद पट्टेधारक के लोगों की मानें तो बताया जा रहा कि इस अवैध खनन के पीछे एक माननीय का भी हाँथ है। महेवाघाट क्षेत्र में सक्रिय खनन माफिया के घाट में माननीय का भी अपना अलग परसेंटेज है। खबर की कवरेज के दौरान घाट में मौजूद माफिया के लोगों का कहना था कि आपके वीडियो बनाने से कुछ भी होने वाला नहीं है, यहाँ माननीय जी का भी शेयर है। वीडियो बनाने मात्र से कुछ होने वाला नहीं है।

योगी सरकार के फरमान के बावजूद ओवरलोड देना भी नहीं बन्द कर रहे पट्टाधारक

अगर अंत में बात करें यहां के ओवरलोड की तो उसका भी जनपद कौशाम्बी में कोई जवाब नहीं। क्योंकि यहाँ पर तो दरोगा जी और कप्तान साहब की मेहरबानी पर ही गाड़ियाँ चल सकती हैं या फिर आपकी गाड़ी की इंट्री हो, वो भी पूरी नई नोटों के साथ। और साथ मे बात करें यहाँ के लोकल पुलिस की तो उनका तो ये आलम है कि उन्हें किसी का भी डर नहीं है। खुल्लमखुल्ला चौबीसों घंटे वसूली होती है।।

एनजीटी के नियमों की भी खुलेआम हो रही अवहेलना

आपको बता दें कि किसी भी घाट का टेण्डर होने के बाद उसे एनजीटी से एनओसी लेनी पड़ती है। एनजीटी उस घाट मालिक को कुछ शर्तों के बाद ही घाट चलाने के लिए “नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट” देता है। लेकिन उसमें घाटमालिक को बाध्य भी रखता है कि अगर इन शर्तों के विपरीत खनन हुआ तो आपका टेण्डर जुर्माने सहित निरस्त किया जा सकता है। लेकिन कौशाम्बी में एनजीटी के नियम और शर्त कोई मायने नहीं रखते हैं।। क्योंकि यहाँ घाटमालिक के लोगों का ही कहना है कि सारे नियम बने ही तोड़ने के लिए हैं।।

दो जिलों की सीमा का फायदा उठाते हैं खनन माफिया –
जी हां चित्रकूट और कौशाम्बी से सटे घाटो में चल रहे बालू खनन में खनन माफिया अवैध तरीके से जमकर खनन करा रहे हैं । राजापुर के उस पार आने वाले महेवाघाट में जमकर अवैध रूप से बालू खनन कराया जा रहा है जबकि ये घाट चित्रकूट जिले के समीप पड़ता है लेकिन आंखों में पर्दा डालकर दोनों जिले के खनिज विभाग बैठे रहते हैं । वहीं चित्रकूट में जिन घाटों में खनन हो रहा है वहां भी सीमा का फायदा उठाकर जमकर ओवरलोड ट्रक दौड़ाये जा रहे हैं ।

सबसे बड़ा मुख्य बिंदु ये भी है कि ओवरलोड ट्रकों के कारण जमकर सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। हर दिन कोई न कोई सड़क दुर्घटना जरूर इन बेलगाम वाहनों के कारण होती है, जिसमें कोई न कोई बेकसूर हमेशा के लिए मौत की नींद सो जाता है ।

ग्राउंड जीरो से स्पेशल रिपोर्ट- अनुज हनुमत

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