जॉब डेस्क. उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस विभाग में दरोगा बनने की आस लगाए युवाओं को बड़ी राहत दे दी है। दरोगा पद पर भर्ती के लिए होने वाली लिखित परीक्षा में अब अभ्यर्थियों को हर प्रश्न पत्र में 50 फीसदी के बजाये 35 फीसदी अंक लाने जरूरी होंगे। इसके अलावा यह भी जरूरी होगा कि कुल मिलाकर सभी चारों प्रश्नपत्रों में उनके अंकों का औसत पचास फीसदी हो।
दरअसल,पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड प्रदेश में दरोगा भर्ती की परीक्षा करवाता है। अभी तक भर्ती बोर्ड द्वारा कराई जा रही सीधी भर्ती में उसे पर्याप्त संख्या में दरोगा नहीं मिल पा रहे हैं। वजह यह थी कि माइनस मार्किंग के साथ ही उन्हें हर विषय की लिखित परीक्षा में पचास फीसदी अंक लाने जरूरी होते थे। हर प्रश्नपत्र सौ अंक का होता है। माइनस मार्किंग के चलते ज्यादातर अभ्यर्थी 50 प्रतिशत अंक नहीं हासिल कर पा रहे थे।
किसी अभ्यर्थी को गणित में तो 50 फीसदी या उसके ज्यादा अंक मिल जाते थे लेकिन अन्य प्रश्नपत्रों में 50 फीसदी अंक नहीं मिल पाते थे। ऐसे में नई व्यवस्था में अभ्यर्थियों को अन्य सभी प्रश्नपत्रों में किसी में 35 तो किसी में पचास से ज्यादा अंक मिलते हैं तो औसतन 200 नंबर मिलने पर वे दरोगा बन सकेंगे। ऐसे में भर्ती बोर्ड ने प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह को प्रस्ताव दिया था कि हर प्रश्नपत्र में पासिंग अंक की 50 प्रतिशत की अनिवार्यता खत्म कर इसे 35 फीसदी कर दिया जाए।
इसे मानते हुए प्रदेश कैबिनेट ने अब उत्तर प्रदेश उपनिरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा में छठवें संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब अभ्यर्थियों को हर प्रश्नपत्र में 35 फीसदी अंक लाना जरूरी होगा। वहीं कुल मिलाकर सभी प्रश्नपत्रों में उनके अंक 50 फीसदी होने चाहिए। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि ऐसा करने से पुलिस भर्ती बोर्ड को शारीरिक दक्षता परीक्षण और उपलब्ध पदों की तुलना में चयन सूची तैयार करने में आने वाली दिक्कतें दूर हो जाएंगी।