अब आपका स्मार्टफोन कराएगा आपको हज यात्रा

शिखा पाण्डेय । Navpravah.com

इस्लाम में इबादत करने के कई नियम हैं, जिसे हर एक मुसलमान के लिए मानना जरूरी है। हजयात्रा इस्लाम के विभिन्न महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। अल्लाह की मेहर पाने के लिए हजयात्रा बेहद जरूरी है, लेकिन हज के लिए मक्का जाना हर मुसलमान के लिए संभव नहीं हो पाता। इसी असंभव को संभव बनाने का एक नायाब तरीका इजात कर लिया गया है। अब आपके लिए हज की खातिर मक्का जाना संभव न हो, तो मक्का खुद आपके स्मार्ट फ़ोन में चला आएगा। जी हाँ! इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल पवित्र काबा के नाम से ट्विटर अकाउंट एक्टिवेट हो गया है। इस ट्विटर अकाउंट को @HolyKaaba नाम से एक्टिवेट किया गया है।

दरअसल बुधवार से ही दुनियाभर के लाखों मुसलमानों ने सऊदी अरब के शहर मक्का में हज की शुरुआत कर दी है। अब जो लोग खुद हज का हिस्सा नहीं बन पाए हैं, उनके लिए भी वहाँ की हर अपडेट पा लेना संभव हो गया है, क्योंकि इस टि्वटर अकाउंट पर हज यात्रा से जुड़ी हर छोटी से छोटी जानकारी अपडेट की जा रही है। अकाउंट ओपन हुए अभी दो दिन से ज्यादा वक्त भी नहीं बीता है, लेकिन इसके फॉलोवर्स की संख्या लाखों में पहुंच चुकी है। कल @HolyKaaba में धर्मगुरुओं को काबा पर लपेटी जाने वाली काली और सुनहरे सिल्क की चादर को बदलते दिखाया गया था, जिसको अब तक 15000 से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है।

इस बार करीब 20 लाख से ज्यादा मुसलमान हज के लिए पहुंचे हैं। ये यात्रा 30 अगस्त से शुरू होगी और 4 सितंबर को समाप्त हो जाएगी, जिसके बाद दुनिया भर से गये हज यात्री वापस अपने देश के लिए रवाना होंगे।

‘डिजिटल’ हज देखने का तरीका-

सऊदी अरब के संस्कृति और सूचना मंत्रालय (एमओसीआई) ने हज से जुड़े दो डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किये हैं। जहां SaudiWelcomesTheWorld.org हज और उसके ऐतिहासिक बिंदुओं को लेकर हर जानकारी उपलब्ध कराएगा, वहीं www.Hajj2017.org हज यात्रा को लेकर पल पल की जानकारी का अपडेट्स देगा। इस पोर्टल के जरिए, हज यात्रा की लाइव स्ट्रीमिंग भी देखी जा सकती है। इसके अतिरिक्त इन्फोग्राफ़िक्स और फ़ोटो भी इस साइट पर उपलब्ध होगी।

क्या है हज यात्रा का महत्त्व,कैसी होती हैं रस्में-

– इस्लाम धर्म के अनुसार, जिस प्रकार से हर एक मुसलमान नमाज एवं रोजे अदा करके अल्लाह के और करीब हो जाता है, इसी प्रकार से वह हजयात्रा से भी अल्लाह के और निकट और प्रिय हो जाता है। इसे पूर्ण करके वह मुसलमान होने का फर्ज़ अदा करता है एवं अपने जन्म को सफल मानता है।

– मक्का शहर दुनिया के मध्य में स्थापित है। मक्का का अर्थ ही है ‘केंद्र’। यही कारण है कि चारों दिशाओं के मुसलमान हाजिर हूं, ऐ अल्लाह मैं हाजिर हूं, कहते हुए उसके दरबार में पहुंचते हैं।

– हज के तीर्थयात्रियों को एक ‘तवाफ’ नाम की रस्म पूरी करनी होती है, जिसे काबा की सात परिक्रमा लगाकर पूरी की जाती है। विश्वभर के मुसलमान काबा की ओर देखकर प्रार्थना करते हैं।

मक्का के करीब स्थित रमीजमारात में शैतान को पत्थर से मारने की रस्म बहुत ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है। ऐसा माना जाता है कि इस रस्म को अदा किए बिना प्रत्येक हजयात्री की यह यात्रा अधूरी है।

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