पत्रकार रामचंद्र ने खोली थी बाबा राम रहीम की पोल

सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति वो पत्रकार थे जिनकी पत्रकारिता की वजह से आज डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम जेल में पहुंच गया है। लेकिन वो शख्स आज हमारे बीच नही है। रामचंद्र का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ था।
रामचंद्र ने पत्रकारिता के पेशे से जुड़ कर बतौर पत्रकार काम करना शुरू किया और कई अखबारों के लिए काम किया। उन्होंने हरियाणा में ही रह कर एक स्थानीय अखबार चलाना शुरू किया। रामचंद्र छत्रपति ने अपने अखबार के जरिए डेरा के खिलाफ लगातार रिपोर्ट प्रकाशित की।
रामचंद्र छत्रपति ही वो पहले पत्रकार थे जिन्होंने अपने अखबार के जरिये राम रहीम के खिलाफ 15 वर्ष पहले साध्वी के साथ यौन शोषण का मामला उजागर किया था। उनके अखबार में गुरमीत सिंह की संपत्तियों और तड़क-भड़क रहन-सहन की बात छपी।
रामचंदर छत्रपति द्वारा अपने अखबार में प्रकाशित डेरा के खिलाफ़ खबर
उन्होंने डेरा की रिपोर्टिंग करना शुरू कर दिया, जिसमें उन्होंने पाया कि आसपास के गांवों के लोग या तो अपनी जमीन डेरे को बेच रहे हैं या दान दे रहे हैं, हजारों लोग चौदह-पंद्रह घंटे बिना मजदूरी लिए काम कर रहे हैं। लोग इसे आस्था का मामला समझ रहे थे लेकिन मामला सिर्फ आस्था का नहीं था। उन्होंने अपनी खोजबीन पर आधारित कई तथ्यपूर्ण खबरें अपने अखबार में प्रकाशित की।
उनकी खबरों की प्रमाणिकता इतनी ठोस होती थी कि इसके बारे में डेरा अनुयायियों के पास कोई भी कोई तर्क देने के लिए नहीं होता था।
लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था, 24 अक्टूबर, 2002 को जब वो अपने कार्यालय का कार्य निपटा कर अपने घर आ चुके थे, तब डेरा के विरोध में खुल कर आने के कारण राम रहीम के लोगों ने उनपर गोलियां चलवा दी। गोली लगने के बाद वो 28 दिनों तक अस्पताल में मौत से लड़ते रहे।
इस दौरान पुलिस को दिये गये अपने स्टेटमेंट में उन्होंने राम रहीम का नाम भी लिया लेकिन पुलिस ने राम रहीम का नाम केस में नहीं डाला था, लेकिन बाद में खोजबीन शुरू हुई और ये केस सीबीआई को सौंप दिया गया, जिसके तहत कल बाबा राम रहीम को दोषी करार दिया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.