हेल्थ डेस्क. आप दिनभर काम करते हैं और वहीं अगर आपकी नींद न पूरी हो तो आपका मन किसी काम करने में नही लगता हैं। और सतह ही थकान जैसा लगता हैं। देखा जाये तो रिसर्च में खुलासा हुआ हैं की आपकी नींद को तकिया सीधा प्रभावित करती हैं।
रात में करवटें बदलने के बाद नींद आना, असमय नींद का टूटना, सुबह उठने पर ताजा महसूस न करना, सिर, गर्दन, कंधे पर दर्द होने के साथ भारीपन लगना जैसी परेशानियां अगर आपको महसूस हो रही तो आप एक बार अपना तकिया को जरुर जांच लें।
दरअसल एक निर्माता कंपनी के सर्वे के अनुसार खराब तकिया नींद मे दिकक्त देता है लेकिन 82 फीसदी लोग इस बात से अपरिचित हैं। ये जानना बेहद जरूरी है कि कब आपको तकिया बदल लेना चाहिए।
वहीं अगर तकिए में गांठ पड़ जाए और उसमें एक ही तरफ सारी सामग्री आ जाए तथा हर बार तकिए को सोने से पहले आकार देना पड़ जाए तो बेहतर होगा तकिए को बदल लें। देखा जाये तो पेट के बल मुद्रा में सोने से सिर और गर्दन को ज्यादा सहारे की जरूरत नहीं होती ऐसे में पतला और मुलायम तकिए का उपयोग करना चाहिए। लेकिन पीठ के बल सोने पर मध्यम आकार का ऐसा तकिया लगाएं जो न ऊंचा हो , न पतला हो , न मुलायम हो , न ही ज्यादा सख्त हों।
हमेशा ध्यान रखे की दाएं और बाएं करवट लेने पर ऊंचे – चौड़े और थोड़े सख्त तकिए का इस्तेमाल करना चाहिए जो गद्दे और सिर के बीच के अंतर में समाते हुए गर्दन को रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। जहां सर्वश्रेष्ठ तकिए का चयन तीन बातों पर निर्भर करता हैं।
पहला सोने की मुद्रा , दूसरा गर्दन और सिर के लिए जरूरी सहार, तीसरा तकिए के अंदर की सामग्री। वहीं 24 से 36 महीने के बीच में तकिया बदलने की सलाह देते हैं और नींद विशेषज्ञ बताते है कि 4 से 6 इंच ऊंचा तकिया सिर, गर्दन, कंधे का सबसे अच्छा सपोर्ट करते हैं।गलत तकिया से सिर, गर्दन और कंधे में भारीपन महसूस होने लगती हैं। कई मामलों में चक्कर और मिचली की समस्या भी हो सकती है।