लखनऊ के बंथरा में 13 नवंबर को नकली शराब पीने के बाद 6 लोगों की मौत हो गई थी. मजिस्ट्रेट ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे. इस मामले की जांच के दौरान ही शनिवार को राज्य की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. फैसले के अनुसार, अब राज्य सरकार नकली शराब बनाने के मामले में दोषी पाए गए आरोपियों की संपत्ति कुर्क करेगी. यही नहीं, ऐसे कारनामों को रोकने के लिए योगी सरकार ने आबकारी विभाग की टीम गठित की है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में 15 दिनों का विशेष अभियान चलाया जाएगा, ताकि प्रदेश में किसी भी रूप में अवैध और कच्ची शराब का निर्माण और उसकी बिक्री बंद हो.
अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि सर्दियों में कई लोग घरों में अनियमित ढंग से कच्ची शराब बनाते हैं. इसलिए सभी जिलों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं. संयुक्त टीम बनाकर छापामारी के आदेश दिए गए हैं. पुलिस विभाग भी आवश्यकतानुसार इस अभियान के लिए आबकारी विभाग का सहयोग करेगा.
लखनऊ के बंथरा में नकली शराब मामले में एफआईआर दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था. इसके अलावा उस दुकान को भी सील कर दिया गया, जहां से शराब खरीदी गई थी. राज्य सरकार ने नकली शराब कांड के बाद सुजीत पांडेय को कमिश्नरी से हटाकर एटीएस के एडीजी डीके ठाकुर को राजधानी का नया कमिश्नर बनाया है.
बता दें कि इसके पहले ही आबकारी विभाग ने एक सिस्टम डेवलप किया है, जिसके जरिये प्रदेश में बनने वाली हर एक शराब की बोतल को ट्रैक एंड ट्रेस किया जायेगा. जिससे एक ओर सरकार को होने वाली राजस्व के नुकसान पर प्रभावी ढंग से रोक लगाते हुए राजस्व में एक बड़ा इजाफा होगा, तो वही दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में नकली शराब के करोबार को भी पूरी तरह से खत्म कर दिया जायेगा. बीते दिनों योगी सरकार की कैबिनेट से इसे पास भी कर दिया गया है. इस सिस्टम के तहत पंजाब-हरियाणा से बिना एक्साइज ड्यूटी के आने वाली शराब और कच्ची भठ्ठियों से बनने वाली शराब की सरकारी सिस्टम में खपत कराने से रोकने के लिये एक संस्था का चयन किया गया है.