सोनिया गांधी ही अभी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। 7 घंटे बैठक के बावजूद सीडब्ल्यूसी की बैठक में नए अध्यक्ष पर फैसला नहीं हो पाया। माना जा रहा था कि वर्किंग कमेटी की बैठक में नए अध्यक्ष पर फैसला हो जाएगा। सोनिया ने खुद बैठक में पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की, पर फैसला यही हुआ कि सोनिया ही यह जिम्मा संभालती रहेंगी। हालांकि, बैठक में यह फैसला जरूर किया गया कि पार्टी का नया अध्यक्ष 6 महीने के भीतर चुन लिया जाएगा।
पार्टी की सबसे बड़ी संस्था कांग्रेस वर्किंग कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी की सोमवार को जब बैठक शुरू हुई, तो सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष का पद छोड़ने की पेशकश की। वहीं, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोनिया को भेजी गई नेताओं की चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल उठाए। राहुल का आरोप था कि पार्टी नेताओं ने यह सब भाजपा की मिलीभगत से किया। राहुल के इस बयान को बमुश्किल 20-25 मिनट नहीं बीते होंगे कि उनका विरोध शुरू हो गया। विरोध करने वालों में सबसे आगे थे गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल। बाद में कांग्रेस ने कहा कि राहुल ने ‘भाजपा के साथ मिलीभगत’ जैसा या इससे मिलता-जुलता एक शब्द भी नहीं बोला था।
दरअसल, करीब 15 दिन पहले पार्टी के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है। पिछले चुनावों में युवाओं ने डटकर नरेंद्र मोदी को वोट दिए। कांग्रेस में लीडरशिप फुल टाइम होनी चाहिए और उसका असर भी दिखना चाहिए।