पी चिदंबरम की मुश्किलें और बढ़ी, CBI ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट

New Delhi. पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री P. Chidambaram की मुश्‍किलें बढ़ती जा रही हैं। दिल्‍ली हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। ED और CBI की टीमें उन्‍हें तलाश रही हैं और वे लापता हैं।

पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री P. Chidambaram की लास्‍ट लोकेशन दिल्‍ली में लोधी रोड के पास मिली हैं और उसके बाद उनका फोन बंद आ रहा है। अब CBI और ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर कैविएट दाखिल कर दी है। कैविएट दाखिल करने का मतलब यह होता है कि अदालत कैविएट दाखिल करने वाले का पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं कर सकती।

क्‍या होता है कैविएट (Caveat)

किसी व्यक्ति की ओर से अदालत से उसके विरुद्ध अचानक कोई आदेश लाने की आशंका पर कैविएट की अर्जी डाली जाती है, ताकि आपको पूर्व सूचना मिल सके कि आपके विरुद्ध क्या अर्जी डाली जा रही है। आपको आपके विरुद्ध डाली जा रही अर्जी की एक कापी भी भेजी जाती है। उस स्थिति में अदालत में खुद व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 148-अ के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया जाता है। इस आवेदन को कैविएट (caveat) कहा जाता है।

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