सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में प्रदेश के भीतर हो रहे अवैध खनन को रोकने के लिए प्रस्ताव पेश किया था, जिसके बाद कैबिनेट ने चर्चा कर सूबे में नई खनन नीति का निर्धारण किया था। साथ ही सरकार ने यह दावा भी किया था कि, यह नई खनन नीति सूबे में हो रहे अवैध खनन को रोकने में कारगर भूमिका निभाएगी।
योगी सरकार ने छठी कैबिनेट मीटिंग में अवैध खनन को रोकने के लिए नियमावली बनायी थी, जिसके तहत खनन माइनिंग प्लान बनाने की योग्यता तय की गयी थी, अब माइनिंग इंजीनियरिंग डिग्री धारक भी पात्र होंगे। इसके अलावा भू-तत्व विषय के परास्नातक भी खनन माइनिंग प्लान बनायेंगे, जिसके लिए सरकार ने डिग्री के साथ ही 5 साल का अनुभव भी अनिवार्य किया था।
इससे पहले भारतीय खान ब्यूरो से मान्यता प्राप्त संसथान माइनिंग की योजना बनाते थे, इसके साथ ही योगी सरकार ने अवैध खनन के लिए मिलने वाली सजा में 20 गुना बढ़ोत्तरी कर दी है, जिसके तहत 25 हजार के जुर्माने को बढ़ाकर 5 लाख किया गया है। साथ ही 6 महीने की सजा को भी बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट मीटिंग में ईंटा-भट्टा संचालकों को भी बड़ी राहत दी थी, जिसके तहत अब भट्टा संचालकों को 24 फ़ीसदी 18 फ़ीसदी ही विलम्भ ब्याज दंड देना होगा।