उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन बसपा की कमाई पर इसका कोई भी असर नहीं पड़ा है। कल इलेक्शन वॉच की एक रिपोर्ट के अनुसार, बसपा की कमाई में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। नवंबर 2016 में जब पीएम मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था, तब इसका सबसे तगड़ा विरोध करने वालों में से एक बसपा सुप्रीमो मायावती भी थीं।
तब सभी जगह चर्चाएं भी हो रही थीं कि नोटबंदी की वजह से मायावती की बसपा को तगड़ा झटका लगा है, लेकिन अब इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट ने उन सब बातों पर पूर्ण विराम लगा दिया है। इस रिपोर्ट को तो देखते हुए कहा जा सकता है कि पीएम मोदी की नोटबंदी का जरा भी असर बसपा पर नहीं पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, बसपा की 2015-16 की कुल आय 47.385 करोड़ हुआ करती थी। जो यूपी विधानसभा चुनाव से पहले 2016-17 में बढ़कर 173.58 करोड़ रुपये हो गई है।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, कमाई के मामले में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी दूसरे नंबर पर है। साल 2016-17 में सीपीएम की कमाई 100.256 करोड़ रुपये रही, जबकि सीपीएम का कुल खर्च 94.056 करोड़ रुपये रहा। वहीं एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस पार्टी तीसरे नंबर पर रही।
सबसे ज्यादा घाटा ममता बनर्जी की ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को उठाना पड़ा। ममता की पार्टी की इनकम 6.39 करोड़ थी और खर्च 24.26 करोड़ रुपये हुआ। ममता बनर्जी का खर्च 17.87 करोड़ रुपये आय से अधिक रहा। इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग को अपना ब्योरा ही नहीं दिया। जिस वजह से बीजेपी और कांग्रेस का आय-व्यय का कोई हिसाब नहीं निकल पाया है।