हेल्थ डेस्क. रात में सोते समय अगर आपको भी खर्राटे की आदत है तो आपके लिए ये अच्छी खबर है। शोधकर्ताओं ने खर्राटे लेने वाले 200 से अधिक लोगों पर अध्ययन किया तो पाया कि अगर रात को सोते समय चेहरे पर मास्क लगाकर काफी हद तक सुधार लाया जा सकता है। जो स्लीप एपनिया या खर्राटे से पीड़ित हैं।
स्लीप एपनिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें रात को सोते समय सांस लेने में तकलीफ और खर्राटे आने की शिकायत रहती है। फेस मास्क को सीपीएपी मशीन भी कहा जाता है। यह वर्तमान में केवल उन लोगों के लिए ही अनुशंसित है, जिनकी स्लीप एपनिया मध्यम स्तर से गंभीर हो चुकी है।
एक पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, जिसके लिए इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के 11 राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) स्लीप सेंटर से 200 से अधिक रोगियों को शामिल किया। उन्होंने स्लीप एपनिया से जुड़े मध्यम मामलों में उपचार के विभिन्न पहलुओं की जांच की।
अध्ययन के मुख्य लेखक मैरी मोरेल ने कहा, “हम स्लीप एपनिया और इसके रोगियों के बढ़ते मामलों को देख रहे हैं। पहले हालांकि यह मुख्य रूप से अधिक वजन वाले पुरुषों को प्रभावित करता रहा है। अब हम जानते हैं कि इसका असर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं, बुजुर्गो और यहां तक कि बच्चों पर भी होता है।
स्लीप एपनिया विश्व स्तर पर एक अरब से अधिक वयस्कों को प्रभावित करता है और नींद के दौरान वायु मार्ग बहुत संकीर्ण हो जाता है, जिससे लोग रात में कई बार सांस लेना बंद कर देते हैं। यह जोर से खर्राटे आने का कारण भी बन सकता है।
इसका उपचार मास्क है जो नाक या मुंह पर फिट किया जाता है। इसे एक निरंतर सकारात्मक वायुमार्ग दबाव (सीपीएपी) मशीन कहा जाता है, जो सांस लेने के मार्ग को खुला रखते हुए धीरे-धीरे मुंह और गले में हवा को धकेलता है।