गोरखपुर त्रासदी: विदेशी मीडिया ने भारत की स्वास्थ्य सेवाओं को बताया जर्जर

शिखा पाण्डेय | Navpravah.com

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत की ख़बर विदेशी मीडिया में भी चर्चा का विषय बन गई है। विश्व के कई अहम मीडिया संस्थानों ने इस ख़बर को प्राथमिकता दी है। न्यूयॉर्क टाइम्स से लेकर वाशिंगटन टाइम्स ने इस खबर को दर्दनाक बताया है व भारत के स्वास्थ्य पर खर्च किए गए बजट व सुविधा की निंदा की है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की जर्जर हालत का ज़िक्र करते हुए लिखा है, ”इंसेफेलाइटिस हर साल भारत के लिए सामान्य सी बात हो गई है। मॉनसून के वक़्त इससे सैकड़ों जानें जाती हैं। इस बीमारी की मुख्य वजह दूषित खाना और पानी के साथ मच्छर का काटना है। इसके साथ ही यह संक्रमण की तरह फैलता है।”

न्यूयॉर्क टाइम्स ने आगे लिखा है, ”भारत लोगों की सेहत पर मुश्किल से अपनी जीडीपी का एक फ़ीसदी हिस्सा खर्च करता है। भारत स्वास्थ्य पर सबसे कम खर्च करने वाले देशों में शामिल है। भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं और डॉक्टरों की भारी कमी है।”

इस ख़बर को वॉशिंगटन पोस्ट ने भी प्रमुखता से जगह दी है। वॉशिंगटन पोस्ट ने शांति के नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी के बयान के हवाले से इसे सामूहिक हत्या करार दिया है। वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी हेडिंग में ही सामूहिक हत्या की बात लिखी है। उल्लेखनीय है कि कल कैलाश सत्यार्थी ने गोरखपुर त्रासदी पर कहा था, ”30 बच्चों की मौत ऑक्सीजन नहीं होने की वजह से हुई है। यह कोई त्रासदी नहीं बल्कि सामूहिक हत्या है। आज़ादी के 70 साल पूरे होने का मतलब हमारे बच्चों के लिए क्या है?”

पाकिस्तानी मीडिया में भी गोरखपुर में बच्चों की मौत की ख़बर को जगह मिली है। पाकिस्तान के अहम अख़बार डॉन ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के ट्वीट को भी अपनी ख़बर में शामिल किया है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा है कि बच्चों की मौत के लिए उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार ज़िम्मेदार है।

मध्य पूर्व के अलजज़ीरा ने भी गोरखपुर में बच्चों की मौत और भारत में सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी प्रतिक्रिया को प्रकाशित किया है। अलजज़ीरा ने समाचार एजेंसी एपी को दिए एक पीड़ित के बयान को छापा है। इसमें गौतम नाम के एक पीड़ित ने कहा है, ”हम लोगों ने अपने बच्चों को देखा कि वो सांस नहीं ले पा रहे थे।  ऐसा देखते हुए भी हम कुछ कर नहीं पाए।” अलजज़ीरा ने इस मामले में पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ़ के ट्वीट को छापा है। कैफ़ ने ट्वीट कर कहा था, ”गोरखपुर में बेगुनाह बच्चों की मौत काफ़ी दुखद है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। ऐसे मामलों में लापरवाही ही मुख्य वजह होती है।”

इसके साथ ही अलजज़ीरा ने हार्ड न्यूज़ के संपादक संजय कपूर के ट्वीट का भी हवाला दिया है जिसमें उन्होंने बच्चों की मौत को सामूहिक हत्या बताया है। संजय कपूर ने अलजज़ीरा से कहा, ”ऐसे वाक़ये भारत के अलग-अलग हिस्सों से अक्सर आते हैं। भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार है।”

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बच्चों की मौत पर लिखा है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण पिछले 6 दिनों में कम से कम 64 बच्चों की मौत हो चुकी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.