राहुल गाँधी ने अपनी राजनीतिक पीड़ा व्यक्त की -स्मृति ईरानी

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एनपी न्यूज़ नेटवर्क | Navpravah.com 
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं की कड़ी आलोचना की. जिसके बाद भाजपा ने भी इसपर पलटवार करते हुए इसे राहुल गाँधी की राजनीतिक पीड़ा बताया. सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गाँधी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पीएम मोदी की बुराई करना राहुल गाँधी की पुरानी आदतों में शुमार है. दरअसल यह गाँधी की राजनीतिक पीड़ा है, जिसे उन्होंने एक अंतर्राष्ट्रीय मंच पर व्यक्त किया.
स्मृति ईरानी ने कहा कि राहुल गाँधी ने यह बात खुद स्वीकार की है कि २०१२ में कांग्रेस को अहंकार हो गया था, जिसकी वजह से देश में उनकी पार्टी का यह दुर्दशा हुई. उन्होंने कहा कि दरअसल राहुल कांग्रेस के नाम पर पार्टी अध्यक्षा सोनिया गाँधी के नेतृत्व पर भी प्रश्न उठा रहे हैं. ईरानी ने आगे कहा कि राहुल गाँधी असल दुनिया से बहुत दूर रहते हैं. अगर उन्हें सफलता और विफलता की यथास्थिति को समझना है, तो उन्हें एक बार अमेठी जाकर देखना चाहिए. उन्हें आसानी से यह समझ में आ जाएगा कि उनके और उनकी पार्टी को लेकर जनता की क्या राय है. भारत को सुनहरा भविष्य देने की बजाय अगर अमेठी के विकास की चर्चा करते तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता.
वंशवाद पर राहुल द्वारा की गई टिप्पणी पर भी स्मृति ने खरी-खोटी सुनाई, उन्होंने कहा कि भारत में वर्त्तमान राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तीनों प्रमुख पद पर आसीन लोग गरीब और किसान परिवार से आते हैं, और अपनी मेहनत और मशक्कत से इस मुकाम पर पहुंचे हैं. उन्होंने राहुल को नाकाम वंशवादी बताया, जो हमेशा सही मामलों पर गलत टिप्पणी करते हैं. जीएसटी मसले पर स्मृति ने कहा कि इस मामले पर वे बोलने लायक नहीं है, अगर होते तो अपनी सरकार में भी ये पास करा लेते.
गौरतलब है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने बर्कले विश्वविद्यालय में नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमारे देश में इस समय लोग हिंसा और नफरत की राजनीति कर रहे हैं. भावुक अंदाज़ में उन्होंने कहा कि हिंसा को मुझसे बेहतर कौन समझ सकता है. हिंसा में ही मैंने अपने पिता और अपनी दादी को खोया है.

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