पीएम मोदी की लखनऊ रैली पर टिकी सबकी निगाहें, हो सकती हैं बड़ी घोषणाएं

अनुज हनुमत,

यूपी के विधानसभा चुनाव की तारीखें किसी भी वक्त चुनाव आयोग द्वारा जारी की जा सकती हैं, लेकिन इस वक्त यूपी के सियासी गलियारों का पारा जिस तेजी के साथ ऊपर चढ़ रहा है, उसे देखकर कुछ भी कहना मुश्किल है। सपा के सियासी खींचतान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुप्रतीक्षित रैली आज लखनऊ में है।

चुनाव से ठीक पहले आज पीएम इस रैली में कुछ बड़ी घोषणाएँ कर सकते हैं, क्योंकि नोटबन्दी के बाद वैसे भी सरकार बैकफुट पर है। स्पष्ट है कि यह रैली यूपी के बढ़े हुए सियासी पारे को और बढ़ाएगी। भाजपा इस रैली को ऐतिहासिक बनाने में जुटी है।

बीजेपी का दावा है कि लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में होने वाली मोदी की रैली में 10 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल होंगे। चुनाव से ठीक पहले जानकारों के मुताबिक पार्टी अपना जनबल दिखाना चाहेगी। सूत्रों की मानें तो देश में अब तक हुई रैलियों में ये रैली सबसे बड़ी होगी। इस रैली में पीएम मोदी द्वारा सूबे के लोगों के लिए बड़ी घोषणाएं खासकर किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की बड़ी संभावना है।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना जल्द जारी होने की संभावना के बीच पीएम पार्टी प्रत्याशियों की सूची पर भी कुछ कह सकते हैं। बीजेपी यह चुनाव मोदी के भरोसे ही जीतना चाहती है, क्योंकि मुख्यमंत्री उम्मीदवार तय किए जाने से गुटबाजी की संभावना है। पार्टी के सामने यहां भी बिहार जैसी स्थिति है।

पार्टी के हवाले से बताया जा रहा है कि पीएम मोदी की रैली में पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) रामलाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी ओम प्रकाश माथुर, प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, उमा भारती, संतोष गंगवार, केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा, साध्वी निरंजन ज्योति, जनरल वी के सिंह, महेंद्र नाथ पाण्डेय आदि मौजूद होंगे।

प्रधानमंत्री की रैली के मद्देनजर सुरक्षा चाक-चौबंद रहेगी। केंद्रीय सुरक्षा बलों की 20 कंपनियां और पीएसी की आठ कंपनियां तैनात की जाएगी, जबकि पांच पुलिस अधीक्षक, 10 अपर पुलिस अधीक्षक और 20 उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी रैली के दौरान चप्प-चप्पे पर कड़ी नजर रखेंगे।
देखना होगा कि आज पीएम नरेंद्र मोदी रैली से यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सूबे में वनवास काट रही भाजपा को कितनी संजीवनी दे पाते हैं।

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