सुप्रीम कोर्ट की फटकार का असर, तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी देगा कर्नाटक

अनुज हनुमत,

आखिरकार कर्नाटक विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ने की बात स्पष्ट की है। प्रस्ताव पारित होने के बाद राज्य के कानून मंत्री ने कहा कि जलाशय में पानी का स्तर 27 टीएमसी से बढ़कर 34 टीएमसी हो गया है, लिहाजा किसानों के हित में पानी छोड़ा जा सकता है।

गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार से मंगलवार दोपहर तक अपने आदेश पर हुए अमल को लेकर रिपोर्ट देने को कहा था। आज उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक सरकार से कहा कि वह कल दोपहर तक रिपोर्ट पेश कर उसे सूचित करे कि क्या उसने 30 सितंबर के न्यायिक निर्देश के अनुरूप तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी से जल छोड़ा है।

बता दें कि इस बीच केंद्र सरकार ने भी शीर्ष अदालत में एक अर्जी दाखिल कर न्यायालय से अपने पहले के उस आदेश में सुधार का अनुरोध किया है, जिसमें उसे मंगलवार तक कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड गठित करने का निर्देश दिया गया था। इस मुद्दे पर बहस करते हुए केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने न्यायालय से कहा कि इस बोर्ड का गठन करने के लिए केन्द्र से नहीं कहा जाना चाहिए था। क्योंकि इस मसले पर मुख्य दीवानी अपील अभी भी लंबित है और बोर्ड का गठन करने की जिम्मेदारी कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में आती है।

इस मुद्दे पर सबसे अहम बात ये है कि शीर्ष अदालत ने 30 सितंबर को कर्नाटक को निर्देश दिया था कि वह एक से छह अक्तूबर के दौरान तमिलनाडु को छह हजार क्यूसेक जल की आपूर्ति करे। साथ ही न्यायालय ने आगाह किया था कि किसी को यह पता नहीं होता है कि कब वह कानून का कोप का शिकार होगा। बहरहाल, कर्नाटक सरकार के इस प्रस्ताव के बाद केंद्र सरकार ने भी राहत की साँस ली होगी। कुलमिलाकर अब तमिलनाडु को पानी देने का यह लम्बा विवाद लगभग सुलझता नजर आ रहा है।