सुप्रीम कोर्ट का आदेश, “लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें लागू नहीं कीं,तो BCCI नहीं देगा राज्य क्रिकेट बोर्ड्स को पैसा”

आनंद द्विवेदी,

शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने BCCI को आदेश दिया है कि जब तक जस्टिस लोढ़ा कमेटी कि सिफारिशों को लागू नहीं किया जाता, तब तक स्टेट क्रिकेट बोर्ड्स को किसी भी प्रकार की राशि प्रदान नहीं की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जस्टिस लोढ़ा पैनल द्वारा एक स्वतंत्र निष्पक्ष परीक्षक नियुक्त किया जायेगा, जो कि BCCI के सभी अकाउन्ट्स की जांच करेगा साथ ही आर्थिक लेनदेन कि सीमा भी तय की जायेगी।

न्यायालय द्वारा मामले की सुनवाई की अगली तारीख 5 दिसंबर तय कि गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी कड़े निर्देशों के अनुसार जब तक राज्य क्रिकेट बोर्ड लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों के लागू किये जाने सम्बन्धी एफिडेविट फ़ाइल नहीं करते, तब तक उन्हें कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं कि जाएगी।

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टी.एस.ठाकुर कि अध्यक्षता वाली तीन जजों कि बेंच ने BCCI को ये आदेश दिया है कि लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों और सुधारों को जल्द से जल्द बिना शर्त पालन में लाया जाए। साथ ही इसमें कोई विलम्ब भी नहीं होना चाहिए। जस्टिस लोढ़ा कमेटी ने सिफारिश की है कि बोर्ड के शीर्ष पदों में आयु, कार्यकाल पर पाबंदियां लगाई जानी चाहिए। साथ ही एक ही व्यक्ति को बार-बार पद नियुक्त भी नहीं करना चाहिए।  लोढ़ा कमेटी बोर्ड द्वारा किये जाने वाले कॉन्ट्रैक्ट की सीमा भी तय करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के से एफिडेविट माँगा, जिसमें उन्हें गत 18 जुलाई के आदेश के निर्णय के बाद लोढ़ा कमेटी द्वारा अनुशंसित कितने नियमों को लागू किया और बाकी के नियमों को लागू किये जाने में और कितना समय लगेगा। यह एफिडेविट बोर्ड को 3 दिसंबर तक न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि बोर्ड द्वारा आदेश की प्रति ICC चेयरमैन शशांक मनोहर को भेजी जाये। गौरतलब है कि सोमवार को बोर्ड ने लोढ़ा कमेटी पर आरोप लगाया था कि वो देश में क्रिकेट को अपने हिसाब से चलाना चाहती है। साथ ही कमेटी के अन्य हस्तक्षेपों पर भी BCCI द्वारा सवाल उठाये गये थे।

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