अब नहीं मिलेंगे ‘मैक्डोनाल्ड्स’ के बर्गर्स और फ्रेंच फ्राइज़!

No Burger in india

शिखा पाण्डेय | Navpravah.com

अगर आप भी मैक्डोनाल्ड्स बर्गर के फैन हैं, तो आपके लिए एक बुरी खबर है। अब आपको मैकडोनाल्ड्स बर्गर्स खाने को नहीं मिलेंगे, क्योंकि मैकडोनाल्ड्स ने भारतीय कंपनी के साथ अपना करार ख़त्म कर दिया है। जी हां! अमेरिकी बर्गर रेस्तरा कंपनी मैकडोनाल्ड्स की भारतीय इकाई ने अपने लोकल पार्टनर कंपनी ‘कनाट प्लाजा रेस्टॉरेंट लिमिटेड’ (सीपीआरएल) के साथ अपना व्यावसायिक करार खत्म कर दिया है।

अब देश में दिल्ली समेत उत्तर और ईस्ट भारत में लगभग 169 मैकडोनाल्ड्स रेस्तरां बंद हो जाएंगे, क्योंकि भारतीय पार्टनर को मैकडोनाल्ड्स रेस्तरां चलाने की अनुमति नहीं रह गई है। बता दें कि विवादों के चलते दिल्ली के 43 मैकडोनाल्ड्स रेस्तरां पहले ही से बंद किए जा चुके हैं।

दरअसल उद्यमी विक्रम बख्शी की अगुवाई वाली सीपीआरएल का मैकडोनाल्ड्स इंडिया से विवाद चल रहा था। 2014 में मैकडोनल्ड्स की फ्रेंचाइजी के मैनेजिंग डायरेक्टर पद से विक्रम बख्शी को हटा दिया गया था। तभी से बख्शी और मैकडोनल्ड्स इंडिया के बीच टकराव चल रहा था। इस निर्णय से कुछ सप्ताह पहले सीपीआरएल ने दिल्ली के अपने 43 मैकडोनाल्ड्स रेस्त्रां बंद कर दिए थे क्योंकि स्थानीय नगर निकाय ने मैकडोनाल्ड्स के नाम से चल रही इन दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण करने से मना कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि सीपीआरएल, विक्रम बख्शी और मैकडोनल्ड्स इंडिया का बराबर हिस्सेदारी वाला ज्वाइंट वेंचर है। टर्मिनेशन के तहत नोटिस के 15 दिनों के भीतर सीपीआरएल को मैकडोनल्ड्स का नाम, सिस्टम, ट्रेडमार्क, डिजाइन और उससे जुड़ी प्रॉपर्टी का इस्तेमाल बंद करना होगा।

bad news for McDonald lovers

फास्ट फूड चेन ने एक स्टेटमेंट में कहा, “आज हमने मैकडोनल्ड्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सीपीआरएल के बीच हुए फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट टर्मिनेट करने से जुड़ा नोटिस सीपीआरएल बोर्ड को जारी किया। इस एग्रीमेंट के तहत सीपीआरएल उत्तर और पूर्वी भारत में मैकडोनल्ड्स के 169 रेस्टोरेंट्स के ऑपरेशन को देखती है।”  कंपनी ने कहा कि एग्रीमेंट टर्मिनेशन का असर उन सभी रेस्टोरेंट्स पर पड़ेगा, जो हाल में ईटिंग हाउस लाइसेंस को रिन्यू कराने में नाकाम रहे थे।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मैकडोल्ड्स इंडिया ने कहा, “सीपीआरएल ने रेस्टोरेंट्स को प्रभावित करने वाली फ्रेंचाइजी एग्रीमेंट की शर्तों का वॉयलेशन किया था। वक्त और मौका दिए जाने के बाद भी वे जरूरी कदम नहीं उठा रहे थे।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा , “भारत के उत्तर और पूर्वी राज्यों में नए पार्टनर खोजने के लिए हम कमिडेट हैं।”

इस फैसले से जहां अगले कुछ समय तक भारत के बड़े हिस्से से बर्गर और फ्रेंच फ्राई की चेन बंद हो जाएगी, वहीं बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार भी हो जाएंगे क्योंकि बीते एक दशक से अधिक समय से इस मैक्डोनाल्ड्स ब्रांड ने बर्गर और फ्रेंच फ्राइज मार्केट में अपनी साख बना ली थी। इस ब्रांड के टक्कर में जहां कोई भारतीय ब्रांड मौजूद नहीं है, वहीं मैकडोनाल्ड्स बंद होने का सीधा फायदा अन्य ग्लोबल चेन जैसे बर्गर किंग, वेन्डी इत्यादि को मिल सकता है।

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