अब भी कहेंगे “पधारो म्हारे देस”?

शिखा पाण्डेय | Navpravah.com

फिल्म पद्मावती बनाना निर्देशक संजय लीला भंसाली को बड़ा ‘ महंगा’ पड़ रहा है। फिल्म के प्रस्तुतीकरण के लिए तमाम तरह की आलिशान तैयारियों के बावजूद उन्हें उस जनता का ही जम कर विरोध सहना पड़ रहा है, जो उनके बिज़नस का इकलौता जरिया है। इतना ही नहीं, लोगों ने इस विरोध के दरम्यान भंसाली को थप्पड़ भी जड़ दिए!

दरअसल रानी पद्मावती को बखूबी जानने वालों का मानना है कि फिल्म में रानी पद्मावती से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। इसी के चलते जयपुर में  ‘पद्मावती’ की शूटिंग का शुक्रवार को जमकर विरोध हुआ और प्रदर्शनकारियों ने भंसाली को थप्पड़ मार दिया। उनके बाल भी खींचे गए। शूटिंग के दौरान यह हंगामा ‘करणी सेना’ ने किया। इस संगठन का आरोप है कि भंसाली की फिल्म’पद्मावती’में इतिहास से जुड़े तथ्यों से छेड़छाड़ की जा रही है। विरोध के दौरान फोर्ट के अंदर शूटिंग इंस्ट्रूमेंट्स में भी तोड़फोड़ की गई। इसके बाद भंसाली को शूटिंग रोकनी पड़ी।

जानिए पूरा मामला-

भंसाली जयपुर में अपनी आगामी फिल्म ‘पद्मावती’ के कुछ खास सीन शूट कर रहे थे। दोपहर करीब 12 बजे के बाद करणी सेना के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और फिल्म का विरोध करने लगे। शूटिंग के लिए रखे गए इंस्ट्रूमेंट्स और स्पीकर तोड़ने शुरू कर दिए और वहां अफरातफरी मच गई। इस दौरान संजय लीला भंसाली के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।  शूटिंग रोक दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को संभाल लिया।

राजपूत करणी सेना के लीडर लोकेंद्र सिंह कालवी ने बताया,”जिस रानी ने देश और कुल की मर्यादा के लिए 16 हजार रानियों के साथ जौहर कर लिया था, उसे इस फिल्म में खिलजी की प्रेमिका के रूप में दिखाना बेहद आपत्तिजनक है। इस पूरी कहानी को ही ग्लैमराइज करके दिखाना हमारी संस्कृति पर तमाचा है।” कालवी ने कहा,”हम चुप नहीं रहेंगे। ये फिल्मकार क्रिएटिविटी के नाम पर हमारे इतिहास के साथ कुछ भी कर दें और हम चुप बैठें,ये कैसे हो सकता है? ये फिल्म बननी नहीं चाहिए।”

कौन थीं रानी पद्मावती?

रानी पद्मावती चित्तौड़गढ़ की रानी और राजा रतनसिंह की पत्नी थीं। वे बेहद खूबसूरत थीं। कहा जाता है कि खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी ने एक बार कहीं आईने में उनका प्रतिबिम्ब देख लिया था। वह उनकी खूबसूरती का इतना दीवाना हो गया कि रानी पद्मावती को पाने के लिए उसने चित्तौड़गढ़ पर हमला कर दिया। राजा रत्नसिंह युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए। जब रानी को यह पता चला, तो उन्होंने 16000 रानियों के साथ जौहर कर लिया अर्थात अपने आप को खुद आग के हवाले कर दिया। रानी पद्मिनी ने आग में कूदकर जान दे दी, लेकिन अपनी आन-बान पर आँच नहीं आने दी।

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