सावधान! ‘जीका वायरस’ के कारण भ्रूण में विकृति के पहले मामले की पुष्टि

अनुज हनुमत,

स्पेन में जीका वायरस के कारण भ्रूण में विकृति के पहले मामले की शुक्रवार को पुष्टि हुई। मामला देश के पश्चिमोत्तर गलिशिया क्षेत्र में क्षेत्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने दर्ज किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सम्बंधित महिला गर्भावस्था के आठवें सप्ताह वेनेजुएला की यात्रा के दौरान संक्रमित हुई और अप्रैल में बीमार हो गई। शुरुआती परीक्षण के दौरान भ्रूण में कोई समस्या नहीं मिली थी, लेकिन गर्भावस्था के 19वें सप्ताह के दौरान हुए दुसरे परीक्षण में भ्रूण के तंत्रिका तंत्र में महत्वपूर्ण असमानताएं मिलीं।

जीका वायरस माँ के एमनीआटिक फ्लूड में भी पाया गया। 21वें सप्ताह में गर्भपात करा दिया गया। बाद की जाँचो में पता चला कि भ्रूण जन्मजात संकुचन से पीड़ित है। साथ ही भ्रूण के मस्तिष्क और सेरेब्रल माइक्रो-कैल्सिफिकेशन में पानी भरा है। स्पेन के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, स्पेन में जीका वायरस संक्रमण के 145 मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें 20 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। जिन्होंने उन देशों की यात्रा की थी जहाँ जीका का संक्रमण फैला हुआ है ।

क्या है जीका वायरस

ज़ीका विषाणु फ्लाविविरिडए विषाणु परिवार से है। जो दिन के समय सक्रिय रहते हैं। इन्सानों में यह मामूली बीमारी के रूप में जाना जाता है, जिसे ज़ीका बुखार, ज़ीका या ज़ीका बीमारी कहते हैं। 1947 के दशक से इस बीमारी का पता चला। यह अफ्रीका से एशिया तक फैला हुआ है। यह 2014 में प्रशांत महासागर से फ्रेंच पॉलीनेशिया तक और उसके बाद 2015 में यह मेक्सिको, मध्य अमेरिका तक भी पहुँच गया।
जिका बुखार मुख्यतया एडीज प्रकार के मच्छर के काटने से फैलता है। शारीरिक संबंध बनाने और खून चढ़ाने से भी इसके फैलने की संभावना रहती है। यह रोग गर्भवती माँ से गर्भस्थ शिशु में जा सकता है वर्टिकली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन और शिशु के सिर के अपूर्ण विकास की वजह बन सकता है। इस रोग की पहचान के लिए होने वाली जाँचों में रक्त, मूत्र या लार संबंधी परीक्षण शामिल हैं, जो बीमार व्यक्ति में इस वायरस के आरएनए के होने का पता लगाने के लिए की जाती हैं।

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