मूवी रिव्यू: ‘गोलमाल अगेन’

कोमल झा| Navpravah.com

स्टार कास्ट:  अजय देवगन, अरशद वारसी, तुषार कपूर, कुणाल केमू, श्रेयस तलपड़े, तब्बू, परिणीति चोपड़ा, जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, नील नितिन मुकेश, प्रकाश राज

अवधि: 2 घंटा  31 मिनट

सर्टिफिकेट: U /A

रेटिंग: 3 स्टार

दो-दो साल में ‘गोलमाल’ सीरीज की फिल्में रिलीज करने वाले रोहित ने ‘गोलमाल अगेन’ रिलीज करने में 7 साल का समय लगा दिया। फिल्म 20 अक्टूबर को रिलीज हुई है। जानते हैं, कैसी बनी है यह फिल्म…

कहानी-

यह कहानी है पांच अनाथ दोस्तों गोपाल (अजय देवगन), माधव (अरशद वारसी), लकी (तुषार कपूर), लक्ष्मण 1 (श्रेयस तलपड़े) और लक्ष्मण 2 (कुणाल खेमू) की, जो ऊटी के जमनादास अनाथालय में पल-बढ़कर बाहर निकले हैं। जब उन्हें पता चलता है कि अनाथालय के हेड जमनादास का निधन हो गया है तो वे उनकी तेरहवीं में शामिल होने ऊटी पहुंचते हैं। फिर वहां उन्हें पता चलता है कि वासु रेड्डी नाम का कोई बिल्डर (प्रकाश राज) और उसके साथी निखिल (नील) उस आश्रम और उसके साथ लगे कर्नल चौहान (सचिन केलकर) के प्लॉट को हथियाना चाहते हैं। फिर यहां उन्हें भूत का अहसास भी होता है। इसी बीच उन्हें उस बात की जानकारी भी मिलती है कि वहां के एक कर्नल की बेटी की मौत कुछ समय पहले हुई है। आखिर कर्नल की बेटी की मौत के पीछे की वजह क्या है? भूत की मिस्ट्री क्या है? कैसे पांचों दोस्त भूत के चंगुल से खुदको बचा पाते हैं? ऐसे सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

डायरेक्शन-

रोहित शेट्टी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में फिल्म का डायरेक्शन किया है। बड़े-बड़े और कलरफुल सेट्स देखकर आप भी अंदाजा लगा सकते हैं कि फिल्म की शूटिंग ग्रैंड पैमाने पर की गई है। फिल्म के वन लाइनर्स और पंच ठहाके लगाने को मजबूर करते हैं। ताबड़तोड़ एक्शन भी देखने को मिलता है। अगर कमी की बात की जाए तो गानों की लंबाई फिल्म की रफ़्तार को कम करती है। इन्हें छोटा किया जा सकता था।

फिल्म की ख़ूबियाँ-

फिल्म की खूबियों की अगर बात करें तो अपनी पहचान के मुताबिक ये फिल्म भी हंसी मजाक से भरपूर है। कॉमेडी का बेहतरीन तड़का है. पटकथा पर अच्छे से काम किया गया है। ढेरों दृश्य खूब हंसाते हैं. खास बात यह है कि कई दृश्य देखने में सीरियस लगते हैं मगर ये सीन खूब हंसाते हैं। कॉमेडी में हॉरर का बेहतरीन तड़का है फिल्म की हास्यकथा कई जगहों पर सचमुच आपको हंसाती है तो कई जगहों पर औसत है, लेकिन पूरी फिल्म के दौरान आप पेट पकड़कर हंसते रहेंगे क्योंकि फिल्म के हर अभिनेता को देखना अपने आपमें मजेदार अनुभव है। बात चाहे तुतलाने वाले लक्षमण (श्रेयस) की हो या फिर दबंग गोपाल की जो भूतों से हद से ज्यादा डरता है, फिल्म का हर किरदार इतना अनुभवी और दक्ष है कि आप उनकी हरकतों को देखकर अपनी हंसी रोक ही नहीं पाएंगे। वैसे तो फिल्म के डायलॉग बेहद मामूली और नीरस हैं लेकिन हास्य से भरपूर हैं।

एक्टिंग-

अजय देवगन, अरशद वारसी, तुषार कपूर, कुणाल केमू, श्रेयस तलपड़े, जॉनी लीवर, संजय मिश्रा, मुकेश तिवारी, वृजेश हिरजी की अपनी-अपनी खूबी है, जिसे आप पिछली तीन सीरीज से देखते आए हैं और इन एक्टर्स ने जमकर हंसाने की कोशिश की है। परिणीति अपनी पिछली फिल्मों के विपरीत कम बोली हैं, इसलिए अच्छी लगी हैं। नील नितिन मुकेश प्रभावित नहीं करते। वह हीरो रह नहीं गए हैं और विलेन लगते नहीं। वह कमजोर कड़ी हैं।  जॉनी लीवर और संजय मिश्रा की मौजूदगी से ठहाके मारकर मारकर हंसने पर विवश करते हैं। कैमरावर्क अच्छा और संपादन कसा है। भुतहा ट्रेक में कुछ बातों के दोहराव के बावजूद फिल्म बिखरी नहीं। फिल्म की सभी सिनेमेटोग्राफी, लोकेशंस, कैमरा वर्क कमाल का है।

म्यूजिक-

फिल्म का म्यूजिक बेहतरीन है। टाइटल ट्रैक के साथ ही फिल्म की शुरुआत होती है। ‘मैंने तुझको देखा’ सहित बाकी गाने भी सुनने में ठीक लगते हैं। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर भी अच्छा है। लेकिन फिर भी अच्छे संगीत की कमी खटकती है। अगर इन बातों को नजरअंदाज कर दें और आप गोलमाल सीरीज की फिल्मों के फैन हैं तो यह भी पसंद आएगी।

सभी एक्टरों की कॉमिक टाइमिंग बढ़िया है। यहां कहना पड़ेगा कि रोहित शेट्टी आपको कभी बहुत बेचैन नहीं होने देते। यहां मस्ती-मजाक, लड़ाइयां, गाने, ठहाके, भूत सब का एक बफे है जिससे आपको ओवरडोज भी हो सकता है। कई बार, आप इन बेवकूफियों पर हंसने के अलावा और कुछ नहीं कर पाएंगे।

अगर आप इसमें कुछ ठोस ढूंढ रहे हैं, तो यहां कोई लॉजिक नहीं मिलेगा बस मैजिक मिलेगा। लेकिन, अगर आप सिर्फ हंसना चाहते हैं, तो गोलमाल अगेन देखने जा सकते हैं।

 

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